न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध खनन और जबरन वसूली के मामले में झारखंड (Jharkhand) कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। ईडी रांची में 11 और सूबे 17 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जिन ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है वो प्रेम प्रकाश नामक शख़्स से जुड़े बताये जा रहे है। प्रेम प्रकाश (Prem Prakash) पर बड़े पैमाने पर पॉलिटिकल कनेक्शन होने का आरोप है।
प्रेम प्रकाश पर आरोप है कि झारखंड में हर बड़े टेंडर और आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग में उसकी अहम भूमिका होती है। रांची के हरमू इलाके (Harmu locality) में ईडी की टीम पहुंचने के बाद मौके पर सीआरपीएफ (CRPF) ने मोर्चा संभाला।
ईडी ने बीती 19 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के करीबी सलाहकार पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) को अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किया था। मिश्रा को साल 2002 में दर्ज हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
बता दे कि ईडी की जांच 8 जुलाई को शुरू हुई, जब एजेंसी ने झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा (Mirza Chowki and Barharwa) में मिश्रा और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें अवैध खनन और जबरन वसूली की कथित घटनाओं से जुड़े 19 मामले में इन जगहों पर दबिश दी गयी थी।
एजेंसी ने मामले में मिश्रा से जुड़े 37 बैंक खातों से 11.88 करोड़ रूपये नकद जब्त किये जाने के बाद ये कदम उठाया। जब्त धन के मालिक मिश्रा, दाहू यादव (Dahu Yadav) और उनके करीबी सहयोगी थे।
इससे पहले ईडी ने 50 बैंक खातों में 13.32 करोड़ रूपये की नकदी, 5.34 करोड़ रूपये की बेहिसाब नकदी, अवैध रूप से चलने वाले स्टोन क्रशर (Stone Crusher) जब्त किये और पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उनके दोस्तों से कई आपत्तिजनक कागजात भी जब्त किये।
एजेंसी के रडार पर हेमंत सोरेन
फरवरी में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) के साथ मुलाकात के बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9 ए के तहत उन्हें बर्खास्त करने का अनुरोध किया, जिसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री के लिये मुश्किलें खड़ी हो गयी। ये नियम खंड संघीय अनुबंधों के लिये अयोग्यता से जुड़ा हुआ है। भाजपा ने सोरेन पर साल 2021 में रांची के अंगारा ब्लॉक (Angara Block of Ranchi) में पत्थर खनन पट्टा हासिल करने के लिये खनन और पर्यावरण मंत्री के तौर पर अपने आधिकारिक पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) के विचार के लिये राज्यपाल के अनुरोध के बाद संविधान के अनुच्छेद 192 के मुताबिक बाद वाले मामले में सोरेन को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण का अनुरोध किया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिये। 12 अगस्त को जब सोरेन की कानूनी टीम ने चुनाव आयोग के सामने अपनी दलीलें रखी। जिसके बाद भाजपा ने कहा कि दोनों दलों ने 18 अगस्त को चुनाव आयोग को लिखित बयान सौपें थे। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग झारखंड के राज्यपाल को अपनी सिफारिश दे सकता है कि अगले दो सप्ताह के भीतर झामुमो (JMM) नेता को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिये या नहीं। इस बीच अवैध भूमि खनन मामले में बिहार में भी तलाशी जारी है।