न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को धमाकेदार खत लिखने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले गुलाम नबी आजाद ने बीते मंगलवार (30 अगस्त 2022) को कहा कि उन्हें राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने में हमेशा परेशानी होती थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी चुनावी हार के बाद कई नेताओं से नहीं मिलें। उन्होंने दावा किया कि पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergill), जिन्होंने गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) से कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था, राहुल गांधी उनसे डेढ़ साल से ज़्यादा वक़्त तक नहीं मिले थे।
आजाद ने कहा कि उन्हें सोनिया गांधी से मिलने में कभी दिक्कत नहीं हुई। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- मुझे कुछ लोगों से मिलने में दिक्कत हो रही थी। कई अन्य लोग भी नहीं मिल पा रहे थे। मैंने ये मुद्दा सोनिया गांधी के ध्यान में लाया कि … कुछ भी नहीं हो रहा है और आखिरकार जी -23 का खत इस मामले में सामने आया था। पहला मैनें सोनिया गांधी को लिखा … जी-23 खत के तर्ज पर ही एक समान ही मुद्दे उठाये। मैंने एक महीने तक इंतजार किया। कुछ नहीं हुआ। फिर हमने उन्हें एक साथ खत लिखा।
उन्होंने दावा किया कि खत के बाद उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की, जहां ये तय किया गया कि वो पार्टी में नयी जान फूंकने के लिये कुछ अल्पकालिक और मध्यम अवधि की योजनाओं को लागू करेंगे, लेकिन दो साल के दौरान कुछ भी नहीं हुआ।
उन्होंने अपने आरोपों को दोहराया कि राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद, वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका सलाह-मशविरा कम हो गया। बता दे कि शेरगिल ने कांग्रेस में चाटुकारिता की ओर इशारा करते हुए तीखा खत लिखने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
शेरगिल ने अपने खत में लिखा था कि- “मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि कांग्रेस में रहने का फैसला लेना अब जनता और देश के हित में नहीं है। बल्कि ये चाटुकारिता में लगे लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है और पार्टी आलाकमान लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रही है। ये कुछ ऐसा है जो मैं नैतिक रूप से कबूल नहीं कर पा रहा हूँ। इसलिये कांग्रेस के साथ काम करना मैं जारी नहीं रख सकता।”
आजाद ने दावा किया कि शेरगिल उस टीम का हिस्सा थे, जिसे उन्होंने टीम राहुल (Team Rahul) कहा था, लेकिन वो भी उनसे नहीं मिल सके। इस बात पर उन्होनें कहा कि- “दूसरे दिन प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने इस्तीफा दे दिया। वो टीम राहुल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि वो डेढ़ साल से राहुल से नहीं मिल पाये। अन्य दलों में नेता दिन में दो बार प्रवक्ताओं से मिलते हैं कि क्या करना है। क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है। यहां राष्ट्रीय प्रवक्ता जिनमें से 3-4 राहुल गांधी से कभी भी नहीं मिले हैं”
आजाद ने अपने त्याग पत्र में कहा कि राहुल अपने पीए और सुरक्षा गार्डों की सलाह के आधार पर अपने राजनीतिक फैसले लेंगे और वो कांग्रेस (Congress) को रिमोट कंट्रोल से चलायेगें। उन्होंने राहुल गांधी पर बचकाना और अपरिपक्व व्यवहार का आरोप लगाया।