नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG- Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena)को मौजूदा हालातों में आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। उपराज्यपाल समेत विपक्षी पार्टी भाजपा ने दिल्ली की शिक्षा नीति से लेकर आबकारी नीति (Excise Policy) को घेरा, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) ने आरोप लगाया है कि सक्सेना साल 2016 में नोटबंदी के बाद 1,400 करोड़ रूपये के घोटाले में शामिल थे।
दिल्ली में सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के ऐलान के बाद सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग आयोग (KVIC- Khadi Village Industries Commission) के कर्मचारियों को 1400 करोड़ रूपये के काले धन को सफेद धन में बदलने के लिये मजबूर किया। उस समय एलजी विनय कुमार सक्सेना खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष थे।
इसी क्रम में सक्सेना ने बीते बुधवार (31 अगस्त 2022) को चेतावनी दी कि वो आप नेताओं सौरभ भारद्वाज, आतिशी, दुर्गेश पाठक और जैस्मीन शाह (Durgesh Pathak and Jasmin Shah) समेत लोगों के खिलाफ मानहानि और झूठे आरोप लगाने के लिये कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इससे एक दिन पहले सीबीआई (CBI) ने कहा था कि उसकी जांच में खादी ग्राम उद्योग भवन के दो कैशियरों के अलावा किसी और की भूमिका नहीं मिली, जिन्होंने नोटबंदी (Demonetisation) के बाद कथित तौर पर 17 लाख रूपये के पुराने नोटों को नये नोटों में बदला। केंद्रीय एजेंसी ने बीते मंगलवार (30 अगस्त 2022) को कहा कि दोनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है और मुकदमा चल रहा है।