लंदन ब्रिज इज डाउन के साथ पूरी हुई Elizabeth II की आखिरी विदाई की तैयारियां

लंदन ब्रिज इज डाउन – ये चार लफ़्ज ब्रिटिश सल्तनत (British Sultanate) में बीते 70 सालों में नहीं बोले गये हैं। यही वो कोडवर्ड है, जिसके बोल जाने के बाद पूरा ब्रतानिया हुकूमत गमगीन हो जाती है। ये कोडवर्ड तब बोला जाता है जब मुल्क के रहबर की मौत हो जाती है।

कल (9 सितम्बर 2022) ब्रिटेन के बालमोरल से खबर आयी कि 96 साल की महारानी एलिजाबेथ का देहांत हो गया है। इसके तुरंत बाद महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth II) के निजी सचिव सर एडवर्ड यंग (Sir Edward Young) ने सिर्फ फोन पर ब्रिटिश पीएम लिज़ ट्रस (British PM Liz Truss) को ये चार भयानक शब्द कहे – लंदन ब्रिज इज डाउन।

ये कोडवर्ड ही इस बात का सबूत था कि पिछले 70 साल से ब्रिटेन की गद्दी संभाल रही महारानी एलिजाबेथ अब नहीं रही।

ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली रानी का स्कॉटलैंड के बाल्मोरल (Balmoral of Scotland) में देहांत हो गया। यहीं वो अपना ज़्यादातर वक़्त बिताती थीं। साल 1852 से ये जगह शाही परिवार के पास थी। ऐसा कहा जाता है कि महारानी एलिजाबेथ को बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) के मुकाबले बाल्मोरल में ज़्यादा आराम मिला। अपने आखिरी पलों में वो उसी जगह थी जहां रहना पसंद करती थी, ये अपने आप एक अनोखा संयोग है।

महारानी के अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया को लंदन ब्रिज कहा जायेगा, जिसके लिये बकिंघम पैलेस की अपनी तैयारियां हैं। महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु के दिन को डी-डे कहा जाता है। 10 दिन के शोक दिवस को D1, D2, D3 से D10 कहा जायेगा।

स्कॉटलैंड में मौत के बाद से कुछ खास इंतजाम भी किये गये हैं। इसे ऑपरेशन यूनिकॉर्न (Operation Unicorn) नाम दिया गया है। ऑपरेशन यूनिकॉर्न का मकसद महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को सुरक्षित लंदन पहुंचाना है। यूनिकॉर्न एक काल्पनिक पौराणिक घोड़ा है, ये स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पशु है। इसलिये इस प्रोटोकॉल के लिये इस नाम को चुना गया है।

ऑपरेशन यूनिकॉर्न के तहत महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग (Edinburgh) शहर से लंदन (London) लाया जायेगा। पार्थिव शरीर को एडिनबर्ग के वेवर्ली हिल्स स्टेशन (Waverly Hills Station) से शाही ट्रेन से लाया जाना है।

13 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ का पार्थिव शरीर लंदन पहुंचेगा, जहां ब्रिटिश पीएम लिज़ ट्रस मौजूद रहेंगी। इसके बाद लिज़ ट्रस की अगुवाई में एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को बकिंघम पैलेस ले जाया जायेगा। इसके बाद महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को 14 सितंबर से वेस्टमिंस्टर हॉल (Westminster Hall) में रखा जायेगा ताकि लोग और अधिकारी उनसे आखिरी बार मिल सकें। यहीं पर कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष एलिजाबेथ को श्रद्धांजलि देने आ सकते हैं।

19 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को विंडसर कैसल (Windsor Castle) के किंग जॉर्ज मेमोरियल चैपल (King George Memorial Chapel) में उनके पति प्रिंस फिलिप और पिता किंग जॉर्ज के बगल में दफनाया जायेगा।

महारानी एलिजाबेथ ने लंबे समय तक ब्रिटेन की गद्दी संभाली। ब्रिटेन की व्यवस्था भारत की तरह लोकतांत्रिक नहीं है। वहां की सरकारी व्यवस्था में राजतंत्र की झलक देखने को मिलती है। दरअसल ब्रिटेन में राजशाही और लोकतंत्र का अनोखा संगम है।

इस बीच महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) को ब्रिटेन का नया राजा घोषित किया गया है। प्रिंस चार्ल्स के नाम की औपचारिक घोषणा आज होगी, जिसमें प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट को आधिकारिक तौर पर वेल्स (Wales) के नये राजकुमार और राजकुमारी के तौर पर ताज पहनाया जायेगा।

सह-संस्थापक संपादक : राम अजोर

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