Gyanvapi Masjid मामले में फैसला पक्ष में आने पर ASI सर्वे और कार्बन डेटिंग की मांग करेगा हिंदू पक्ष

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): वाराणसी जिला अदालत ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के टाइटल और उसके आसपास की ज़मीन को चुनौती देने वाले दीवानी मुकदमों की स्थिरता पर आज अपना फैसला सुनाने के लिये तैयार है। मामले पर हिंदू पक्ष ने कहा कि अगर फैसला उनके पक्ष में आता है तो ‘शिवलिंग’ का वो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे और कार्बन डेटिंग कराने की मांग करेंगे। बता दे कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश (District Judge AK Vishvesh) ने पिछले महीने मामले में 12 सितंबर तक आदेश सुरक्षित रखा था।

ये फैसला ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करने की इज़ाजत मांगने वाली हिंदू महिलाओं की याचिका की सुनवाई से जुड़ा हुआ है। मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन (Advocate Vishnu Shankar Jain) ने कहा कि, “आज अदालत मुकदमे की स्थिरता पर अपना फैसला सुनायेगी। पूजा अधिनियम 1991 हमारे पक्ष में लागू होता है। अगर फैसला हमारे पक्ष में आता है तो हम एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे।”

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अन्य वकील सोहन लाल आर्य ने कहा कि, “फैसला काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के शिलान्यास का पहला दिन साबित होगा। इसके अलावा ये दिन दुनिया के हिंदू समुदाय (Hindu Community) के लिये बहुत खुशी का दिन होने जा रहा है। अदालत दोपहर 2 बजे से फैसला देगी और हमने सुबह भगवान शिव के ‘दर्शन’ के लिये प्रार्थना की है। फैसला हमारे पक्ष में आने पर हम ‘दर्शन’ करेंगे। काशी के लोग घंटी बजाकर और ताली बजाकर जश्न मनायेगें। काशी के लोग हिंदू समाज को जगाने के लिये काम करेंगे”

जिला अदालत के आदेश से एक दिन पहले ही बीते रविवार (11 सितम्बर 2022) को उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi in Uttar Pradesh) में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है और साथ ही निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गयी है।

पुलिस ने उन इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया है, जहां शहर हिंदू-मुस्लिम की मिलीजुली आबादी रहती है और साथ ही ये सुनिश्चित करने के लिये लगातार पेट्रोलिंग जारी है कि काशी विश्वनाथ के भीतर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque Complex) में श्रृंगार गौरी स्थल (Shringar Gauri Sthal) की पूजा करने की अनुमति देने वाली पांच हिंदू महिलाओं की याचिका पर कोई कानून-व्यवस्था बिगड़ने के हालात पैदा न हो। ।

वाराणसी के सहायक पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह (Assistant Commissioner of Police Santosh Kumar Singh) ने कहा कि- शहर में 2000 से ज़्यदा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये सभी जरूरी व्यवस्था की गयी है। शांति समिति की कई बार बैठक हो चुकी है और पुलिस अलर्ट पर है। इसके साथ ही हमने धर्मगुरुओं से भी बात की है और शांति बनाये रखने की अपील की है।

बता दे कि काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) स्थल की पूजा करने की अनुमति मांगने वाली पांच हिंदू महिलाओं द्वारा याचिका दायर की गयी थी। इसके बाद वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने मई में परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ और 19 मई को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गयी।

वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के बाद हिंदू पक्ष द्वारा दावा किया गया कि मस्जिद परिसर में शिवलिंग (Shivling) जैसा एक ढांचा मिला है। मस्जिद समिति ने विरोध किया कि ये एक फव्वारा था न कि शिवलिंग।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को मामले को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) से जिला जज के पास केस ट्रांसफर कर दिया, ये कहते हुए कि इस मुद्दे की “जटिलताओं और संवेदनशीलता” को देखते हुए, ये बेहतर है कि मामले की सुनवाई ऐसा वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी करे जिसे 25-30 से ज़्यादा का अनुभव हो।

पीठ ने ये भी कहा कि मुसलमानों के मस्जिद में नमाज या धार्मिक अनुष्ठान करने के लिये प्रवेश करने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिये। मामला मस्जिद प्रबंधन समिति (Mosque Management Committee) की ओर से दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिसमें दीवानी जज के आदेश को चुनौती दी गयी थी।

जारी आदेश में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे मस्जिद के अंदर हिंदू देवताओं की मूर्तियों के कथित अस्तित्व के बारे में सबूत इकट्ठा करने के लिये मस्जिद के परिसर के निरीक्षण, सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी की अनुमति दी गयी थी।

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