न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भविष्य के लिये तैयार होने और स्वदेशी हथियारों के साथ आने वाले कल की जंग लड़ने के मकसद से भारतीय सेना (Indian Army) ने आपातकालीन खरीद प्रक्रियाओं के तहत अहम जरूरतों को पूरा करने के लिये घरेलू निर्माताओं से बंदूकें, मिसाइल, ड्रोन और कई अन्य वेपन सिस्टम (Weapon System) को खरीदने के लिये कई टेंडर जारी किया हैं।
इस पर भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि- “हमने इंडियन डिफेंस इंडस्ट्री (Indian Defence Industry) को आपातकालीन खरीद के लिये अहम डिफेंस इक्विपमेंट का प्रोक्योरमेंट के लिये न्यौता दिया है। बंदूकें, मिसाइल, ड्रोन, काउंटर-ड्रोन, लॉइटर मूनिशन, संचार और ऑप्टिकल सिस्टम, विशेषज्ञ वाहन, इंजीनियरिंग उपकरण और वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों के लिये प्रपोजल रखे जा रहे हैं। “
ये प्रोसेस बेहद सधी हुई समयसीमा में पूरा कर लिया जायेगा। इंडियन डिफेंस सेक्टर के लिये प्रोक्योरमेंट की समय सीमा छह महीने के लिए खुली रहेगी और कॉन्ट्रैक्ट पर सहमति होने के साथ एक साल के भीतर इक्विपमेंट उपलब्ध करवाना होगा। खरीद की प्रक्रिया ओपन टेंडर के द्वारा होगी। आपातकालीन खरीद (Emergency Purchase) के लिये मिली शक्तियों के तहत सेना पूंजीगत खरीद मामलों के तहत 300 करोड़ रुपये और राजस्व खरीद मामलों के तहत 500 करोड़ रूपये तक के रक्षा उपकरण खरीद सकती हैं।
इस खरीद को करने की मंजूरी नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) ने पिछली रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) में दी थी, जहां तीनों रक्षा सेवाओं को ये इज़ाजत दी गयी थी। भारतीय सेना को छह महीने की अवधि के लिये ये शक्तियां दी गयी हैं, जहां वो मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत उत्पादित अपनी पसंद की कोई भी हथियार प्रणाली खरीद सकते हैं।
हालाँकि पहले रक्षा सेवाओं को विदेशी विक्रेताओं के साथ भी सीधे सौदे करने की आज़ादी थी और मई 2020 के बाद कई कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किये गये थे, जिसमें हेरॉन ड्रोन, स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (Spike Anti-Tank Guided Missile) और सेना की कई अन्य अहम जरूरतों को पूरा किया गया था।