न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) महापर्व 2022 शुरू हो गया है। इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां भगवती के नौ अलग-अलग सिद्ध और मंगलमय रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई साधक या भक्त नौ दिनों तक शास्त्रोक्त विधान से देवी भगवती (Goddess Bhagwati) की पूजा करता है और शास्त्रों में बतायी गयी विधियों को बरतता है तो वो कई तरह की समस्याओं से छुटकारा पा सकता है।
माँ शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा की जाती है। सफेद रंग के प्रति माँ विशेष रूचि है, ऐसे में माँ को दूध से बने व्यंजन भोग लगाये। माँ के लिये बनाये भोग में गायें के दूध से बने शुद्ध घी का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है।
माँ ब्रह्मचारिणी
उत्सव का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) के सम्मान में समर्पित है। माँ को मिठाई और पंचामृत (Panchamrit) को भोग लगाने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। किसी भी प्रकार की बाधा माँ की कृपा से दूर हो जाती है।
माँ चंद्रघंटा
दुर्गा पूजा के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की खीर और अन्य व्यंजनों के प्रसाद के साथ पूजा की जाती है। भोग-प्रसाद (Offerings) से प्रसन्न होकर माँ भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती है।
माँ कूष्मांडा
नवरात्रि उत्सव के चौथे दिन माता कूष्मांडा (Mata Kushmanda) की पूजा की जाती है। माँ को मालपुआ अत्याधिक प्रिय है। जो उपासक मालपुआ (Malpua) का भोग माँ को लगाते है उन्हें आनंद, ज्ञान और मनोबल की सहज़ प्राप्ति हो जाती है।
माँ स्कंदमाता
इस दिन स्कंदमाता (Skandmata) की पूजा की जाती है। अगर आप चाहते हैं कि माँ आपकी सभी शारीरिक समस्याओं को दूर कर दे तो उन्हें केले को भोग लगाये।
माँ आद्या कात्यायनी
नवरात्रि महापर्व के छठे दिन माँ आद्या कात्यायनी (Devi Aadya Katyayani) को लौकी का हलवा, मीठा पान और शहद का भोग लगाने से माँ बहुत प्रसन्न होती है और अपना आशीर्वाद देती है।
माँ कालरात्रि
सातवां दिन मां दुर्गा के सातवें अवतार मां कालरात्रि (Maa Kalratri) को समर्पित है। जो लोग उन्हें गुड़ से बना भोग लागते माँ की उन भक्तों पर अटूट कृपा वर्षा होती है साथ उनके शत्रुओं का भी नाश होता है।
माँ महागौरी
नवरात्रि पर्व का आठवां दिन माता महागौरी (Mata Mahagauri) की पूजा के लिये समर्पित है। माँ को नारियल बहुत पसंद है। जब ये भोग उन्हें लगाया जाता है तो वो याची की मनोकामना पूरी करती है।
माँ सिद्धिदात्री
नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री (Mata Siddhidatri) की पूजा की जाती है और उन्हें हलवा-पूरी-चने और खीर (Halwa–Puri–Chana and Kheer) का भोग लगाया जाता है।