एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): हिज़ाब और बुर्के के खिलाफ ईरान (Iran) में फैली आग धीरे-धीरे दूसरे मुल्कों में भी फैल रही। खासतौर से जिस तरह से ईरानी सरकार दमन चक्र चला रही है उसे देखते हुए दुनिया भर में प्रवासी समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ता ईरान के खिलाफ लामबंद हो रहे है। ऑकलैंड, लंदन, मेलबर्न, न्यूयॉर्क, पेरिस, रोम, सियोल, स्टॉकहोम, सिडनी और ज्यूरिख (Sydney and Zurich) जैसे दुनिया भर के 159 अहम शहरों में प्रदर्शनकारी ईरान में महिलाओं के लिये आज़ादी के नारे बुलंद कर रहे है।
इन प्रदर्शनकारियों में से कई निर्वासन में रह रहे ईरानी हैं। इन शहरों में आंदोलनकारी इस्लामी गणराज्य के दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों और अहम जगहों पर इकट्ठा हुए साथ ही सर्वोच्च नेता अल खामेनेई (Al Khamenei) के बारे में “तानाशाह की मौत” जैसे नारे लगाये।
बीते शनिवार (1 अक्टूबर 2022) को ईरान की बदनाम नैतिकता पुलिस की हिरासत में महसा अमिनी (Mahsa Amini) की मौत के विरोध में मॉन्ट्रियल (Montreal) और अन्य कनाडाई शहरों में कई हजार लोगों ने एकजुटता के साथ मार्च निकाला। अपना गुस्सा निकालने के लिये रोम में लगभग 1,000 लोग सड़कों पर उतर आये। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अली खामेनेई की अगुवाई वाले ईरान में मानव अधिकार हासिल करना लगभग नामुमकिन है। मौजूदा विरोध ही 43 साल लंबे समय से चली आ रही कट्टर सरकार को गिराने की कुव्वत रखता है।
बर्लिन में 1,000 से ज्यादा लोग ईरानी शासन की निंदा करने वाली तख्तियां लिये हुए थे, जबकि लिस्बन (Lisbon) में लगभग 200 लोगों ने तानाशाही को ना” के नारे लगाये।
बता दे कि महिलाओं के लिये इस्लामी गणराज्य ईरान (Islamic Republic of Iran) के सख्त ड्रेस कोड है, जिसका कड़ाई से पालन करने के लिये मोरल पुलिसिंग (Moral Policing) की व्यवस्था है। इसी पुलिस ने ड्रेस कोड का पालन ना करने के लिये 22 वर्षीय महसा अमिनी को हिरासत में लिया, जहां महसा अमिनी की मौत हो गयी। अमिनी की मौत ने आम ईरानियों के कान में शासन के खिलाफ बगावत के सुर फूंक दिये, नतीजन सड़क पर फैली हिंसा की लहर ने ईरान को जकड़ लिया।
ईरानी सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच खूनी कार्रवाई के बावजूद आज (2 अक्टूबर 2022) लगातार 17वें दिन भी तेहरान (Tehran) ने कड़े विरोध-प्रदर्शन देखे। कई अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन हिंसक प्रदर्शनों ने 75 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। हाल ही में सोशल मीडिया पर कई वीडियो फुटेज वायरल होते दिखे जिनमें तेहरान में बड़े प्रदर्शनों के साथ-साथ पश्चिम में मशहद और करमानशाह (Mashhad and Kermanshah) में गुस्सायी हिंसक भीड़ को देखा गया।