उद्धव ठाकरे ने EC को सौंपे तीन नाम और तीन निशाना, ठाकरे गुट उपचुनाव के लिये तैयार

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच तनातनी के दरम्यान चुनाव आयोग (EC- Election Commission) द्वारा शिवसेना (ShivSena) के ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न को सील करने के तुरंत बाद ठाकरे गुट ने मतदान निकाय को अपने नये चुनाव चिन्ह के लिये नये विकल्प पेश करने का फैसला लिया। बीते रविवार (9 अक्टूबर 2022) चुनाव चिन्ह के नये विकल्पों पर तेजी से फैसला लेते हुए शिवसेना के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाले खेमे ने महाराष्ट्र में उपचुनाव से पहले अपने गुट के लिये नामों और प्रतीकों के तीन सुझाव चुनाव आयोग को सौंपे हैं।

उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना गुट ने चुनाव आयोग को तीन चुनाव चिन्ह-त्रिशूल, जलती हुई मशाल और उगता हुआ जैसे विकल्प सौंपे है। 3 नवंबर को अंधेरी (पूर्व) उपचुनाव के मद्देनजर उनमें से एक को अंतिम रूप देने के लिये पार्टी ने लिए कई वैकल्पिक नाम सौंपे हैं।

अपने खेमे के लिये प्रतीकों के तीन विकल्पों के अलावा, टीम ठाकरे ने अपने खुद के गुट के लिये तीन नामों का सुझाव भी पेश किया। इनमें शामिल है शिवसेना बालासाहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे, और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे”।

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के ‘धनुष और तीर’ के निशान को फ्रीज करने के फैसले को नाइंसाफी करार देते हुए कहा कि, ‘मैं चुनाव आयोग से जल्द से जल्द मेरी पार्टी के लिये चुनाव चिन्ह और नाम को आखिरी रूप देने की अपील करता हूं क्योंकि उपचुनाव हमें लोगों के पास जाना है। मैं चुनाव आयोग के फैसले से हैरान था, लेकिन मेरा विश्वास नहीं डगमगाया और शिवसेना समर्थकों पर मेरा भरोसा भी।

इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की अगुवाई में शिवसेना का प्रतिद्वंद्वी खेमा भी सोमवार को चुनाव आयोग को नाम और चुनाव चिन्ह के लिये अपने सुझाव पेश करेगा।

मामले पर सीएम शिंदे के वफादार महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है क्योंकि ज्यादातर विधायक और सांसद उनके साथ हैं, लेकिन इसके बावजूद चुनाव आयोग ने “धनुष और तीर” चिन्ह पर रोक लगा दी है।

उन्होंने आगे कहा कि, “ऐसा लगता है कि उन्हें (ठाकरे खेमे को) धनुष और तीर के प्रतीक से कोई लगाव नहीं है” उन्होंने कहा और आरोप लगाया कि ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग की पिछली सुनवाई के दौरान जानबूझकर समय बर्बाद किया।

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