एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) अक्टूबर में अपने आठवें महीने की ओर बढ़ रहा है। इस बीच सबसे भयानक तस्वीर सामने आयी बुका नरसंहार (Buka Massacre)। इस नरसंहार ने पूरे दुनिया को दहलाकर रख दिया। इसके साथ ही जंग की ओर भयानक तस्वीरें अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया जगत ने पेश की। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में दावा किया कि हमले के दौरान रूसी सैनिकों को यूक्रेनियन से बलात्कार करने के लिये कहा जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के एक अधिकारी ने दावा किया कि रूस अपने सैनिकों को ड्रग्स मुहैया करा रहा है ताकि वो “सैन्य रणनीति” के तहत यूक्रेनियन पर यौन हमला कर सकें। संयुक्त राष्ट्र के दावों के मुताबिक, रूसी सैनिकों को वियाग्रा (Viagra) दी जा रही है ताकि वो यूक्रेन में नागरिकों का भारी पैमाने पर बलात्कार कर सके।
संघर्ष में यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन (Pramila Patton) ने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया। पैटन ने कहा कि, “जब आप किसी यूक्रेनी महिलाओं को वियाग्रा से लैस रूसी सैनिकों के बारे में गवाही देते सुनते हैं, तो ये साफतौर पर एक सैन्य रणनीति है।”
रूस-यूक्रेन जंग की चौंकाने वाली हैवानियक के बारे में बात करते हुए, पैटन ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने जंग शुरू होने के बाद से बलात्कार और यौन हिंसा (Rape And Sexual Violence) के सौ से ज्यादा मामले दर्ज किये हैं। पीड़ितों में न सिर्फ महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं, बल्कि पुरूष और लड़के भी यौन हमलों के शिकार हैं।
इस साल की शुरूआत में यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि रूसी सैनिक यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ क्रूर युद्ध अपराध कर रहे हैं, जिसमें बलात्कार, यौन यातना (Sexual Torture) और अन्य गैरकानूनी गतिविधियां खासतौर से शामिल हैं।
आयोग ने ये भी दर्ज किया कि जंग की शुरुआत के बाद से यौन हिंसा और हमले के शिकार लोगों की उम्र चार से 82 वर्ष के बीच थी। ऐसे मामले भी दर्ज किये गये थे जहां परिवार के सदस्यों को यौन हिंसा देखने के लिये मजबूर किया गया।
पैटन ने आगे बताया कि, “रिपोर्ट किये गये सभी मामले सिर्फ बानगी भर है। असल मामलों की तादाद कहीं ज्यादा है, जिन्हें रिपोर्ट तक नहीं किया गया है। दुनिया कभी भी यूक्रेन में यौन उत्पीड़न पीड़ितों की सही तादाद नहीं जान सकती है। तादाद कभी भी वास्तविकता को प्रतिबिंबित नहीं करेगी क्योंकि यौन हिंसा एक मूक अपराध है।”
इस बीच रूस ने यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ युद्ध अपराधों के आरोपों का बार-बार खंडन किया है, ये कहते हुए कि वो सिर्फ उन इलाकों पर ध्यान लगाये बैठा है जिन्हें यूक्रेनी नागरिकों ने खाली कर दिया गया है।