न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): धनतेरस दिवाली (Dhanteras Diwali) से एक या दो दिन पहले मनाया जाता है। दिवाली से पहले धनतेरस का बहुत महत्व है। इस दिन अपनी पसंद की नयी चीजें जैसे सोना, चांदी, बर्तन या ऐसा कुछ भी खरीदने की परंपरा है। दिवाली के दिन रात भर घर में और हर जगह दीपक जलाकर रोशनी फैलाने और अंधकार और बुराई को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है।
धनतेरस का अर्थ है धन और तेरस (13) जिसका मतलब है धन के लिये मनाया जाने वाला त्यौहार जो कार्तिक (Kartik Maas) के महीने के 13 वें दिन होता है, जिसे त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक परंपरा ये है कि इस दिन सोना-चांदी और अन्य बर्तन खरीदे जाते हैं। अगर आप व्यापार करना चाहते हैं या कोई नया शुभ कार्य करना चाहते हैं तो इस दिन से शुरूआत करना शुभ और उत्तम माना जाता है।
धनतेरस के दिन सोना खरीदने की परंपरा सदियों पुरानी है जो चली आ रही है। दीपावली से एक दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत शुभ होता है।
Dhanteras मनाने के पीछे की कहानी
कुछ लोगों का मानना है कि धनतेरस का असली महत्व सोने-चांदी की खरीदारी है। लेकिन इसका महत्व पैसे, सोना, चांदी और गहनों से कहीं ज्यादा है। इस दिन हर तरफ रोशनी दिखाई देती है। हर घर में नये-नये व्यंजन बनाये जाते हैं। धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान कुबेर (Lord Kuber) की भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कुबेर धन के देवता हैं और उनकी पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को धनवान बनाते हैं।
प्राचीन लोककथाओं के मुताबिक चमकते हुए आभूषण, गहनों से आने वाली तेज रोशनी और चमकदार दीयों ने यमराज को अंधा कर दिया, जो सांप के रूप में प्रकट हुए और इस तरह वो हिमा के बेटे को नहीं मार सके। इस वजह से ऐसा माना जाता है कि सोने-चांदी के आभूषण या नये बर्तन खरीदने से आप और आपके परिवार के सदस्य किसी भी बीमारी से बच सकते हैं। धनतेरस पर धातु खरीदने घर में भाग्य, धन और समृद्धि आती है।
राजा हिमा (Raja Hima) के 16 साल के बेटे को उसकी राशि के मुताबिक पता चलता है कि उसकी शादी की चौथी रात को सांप के काटने से उसकी मौत हो जायेगी। शादी के चौथे दिन उसकी पत्नी ने उसे रात भर जगाया और अपने पति को भी जगाये रखा। इस दौरान उन्होंने अपने सारे गहने उतार कर दीप जलाकर कमरे के दरवाजे के पास रख दिया। जब यम देवता उन्हें लेने आये तो वहां का प्रकाश देख उनकी आंखें दंग रह गयी।
इतनी रोशनी की वज़ह से यमराज घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सके और बिना प्राण लिए निकल गये। इसके बाद राजकुमार की जान बच गयी। तभी से घर के दरवाजे पर दीपों की रोशनी बुराई को दूर भगाने के लिय् की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी और बुरी शक्तियों का नाश होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सोना-चांदी आपको अशुभ और नकारात्मक किसी भी चीज से बचाता है, इसलिये इन कीमती धातुओं को खरीदना बेहद शुभ माना जाता है, खासकर धनतेरस के दिन।
Dhanteras 2022: शुभ मूर्हूत
द्रिक पंचांग के अनुसार धनतेरस पूजा शनिवार 22 अक्टूबर 2022 को की जायेगी। धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7:01 बजे से रात 8:17 बजे तक 1 घंटे तक चलेगा।