Diwali: कारोबार या व्यवसाय नहीं चल रहा है? धन की रूकावटें है? रोजगार या काम धंधा सही नहीं चल रहा है? या फिर काम धंधे में बंधन लगे हुए हैं? उन लोगों के लिये ये लक्ष्मी मंत्र (Lakshmi Mantra) और विधि विधान कारगर है। इस प्रयोग को धैर्य से करें और लाभ पाये।
सबसे पहले मिट्टी की छोटी-छोटी गोलियां बना कर धूप में हल्का सूखा लें और अगर माला बनाना चाहते हैं तो उसमें छेद करके आग से पका कर मजबूत कर लें। बाद में इन्हीं गोलियों से एक सौ आठ दानों की माला बनाये। समर्थ आचार्य (Samarth Acharya) की उपस्थिति में माला की प्राण प्रतिष्ठा करके चैतन्य कर लें। और अगर माला नहीं बनायी जा सके तो फिर सुखा कर ऐसे ही रख लें।
दीपावली की रात बारह बजे के बाद इसी माला से या फिर इन्हीं दानों से दिया गया मंत्र कम से कम दस माला या 1000 मंत्र करें और एक माला हवन तर्पण (Havan Tarpan) मार्जिन समेत संकल्प करके पूरा करें।
दीपावली की रात को मिट्टी पात्र में पहले लाल रंग से श्रीं बीज लिख कर जल अक्षत धूप-दीप से पूजा करके उसमें चावल लाल रंग से रंग कर मिट्टी के पात्र में रखें और इसी चावल पर मिट्टी का दीपक लगाये। देवी लक्ष्मी का पूजन करें और मंत्र पढ़ते हुए ही दीपक को जलाना है।
इसके बाद संकल्प लेकर जाप करें व हवन करें।
फिर रोज उसी चावल की डेरी पर यही लगातार इक्कीस दिन तक रोज एक नया मिट्टी का दीपक लगाये और यही मंत्र लगातार रोज दस माला या 1000 मंत्र करें। आखिर में एक माला या सौ मंत्र हवन के लिये समर्पित करें। दस मंत्र तर्पण के लिये समर्पित करें और एक-दो मंत्र मार्जिन के लिये समर्पित करें शेष जाप देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) के बांये हाथ में समर्पित करें और कृपा प्राप्त करने के लिये प्रार्थना करें।
इक्कीस दिन बाद ये अनुष्ठान पूरा हो जायेगा। आखिरी दिन फिर से हवन सामग्री से हवन करें और खीर का प्रसाद चढाये। अब अगर दुकान है तो रोज सुबह दोपहर और शाम को हर रोज एक एक माला करें। या सौ मंत्र का जप करें। इससे आपके काम धंधे में बरकत होनी शुरू हो जायेगी।