एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने बीते शुक्रवार (21 अक्टूबर 2022) को ऐलान किया कि पाकिस्तान जिसे बार-बार अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी की सिफारिश पर आतंकी समूहों के साथ सांठगांठ के मामले में ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला गया था, अब इस्लामाबाद (Islamabad) को ‘ग्रे लिस्ट’ से हटा दिया गया है। आतंकी निगरानी समूह ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस्लामाबाद मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया/प्रशांत समूह के साथ काम करना जारी रखेगा ताकि उसकी एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण (एएमएल/सीएफटी) प्रणाली को और बेहतर बनाया जा सके।
FATF ने कहा कि वो अपनी AML/CFT में सुधार के लिये पाकिस्तान (Pakistan) का खुले दिल से स्वागत करता है। पाकिस्तान अकेला मुल्क नहीं है, जिसे FATF ने ग्रे लिस्ट से हटाया गया। निकारागुआ (Nicaragua) को भी टेरर फंडिंग लिस्ट से भी हटा दिया गया, जबकि म्यांमार (Myanmar) को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया और टेरर फंडिंग के मामले में उसे खतरनाक देश के तौर पर लेबल किया गया।
ये देश भी शामिल है FATF की ग्रे लिस्ट में
अल्बानिया
बारबाडोस
बुर्किना फासो
केमन द्वीपसमूह
कंबोडिया
हैती
जमैका
जॉर्डन
माली
माल्टा
मोरक्को
म्यांमार
पनामा
फिलीपींस
सेनेगल
दक्षिण सूडान
सीरिया
टर्की
युगांडा
संयुक्त अरब अमीरात
यमन
ग्रेलिस्टिंग का मतलब है कि FATF किसी खास देश की निगरानी मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को फाइनेंस करने के पहलूओं पर करता है। जिसके तहत मिले सबूतों की बुनियाद पर देश विशेष को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में डाला जाता है। एफएटीएफ कुछ देशों को वैश्विक आतंकवाद निगरानी सूची में रखता है। जब एफएटीएफ को लगता है कि निगरानी सूची में डाल गया देश अपनी सीमाओं के अंदर अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद का फाइनेंस करने के काबिल नहीं रहा तो वो उस देश को ब्लैक या ग्रे लिस्ट से निकाल देता है।
FATF समय-समय पर इस लिस्ट को अपडेट करता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि उन देशों के बारे में वैश्विक जागरूक है जिन्हें आतंकी फंडिंग (Terrorist Funding) के मामले में खतरनाक माना जा सकता है।