टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों की खरीद के लिये Japan गुपचुप तरीके से US के सम्पर्क में

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): जापानी मीडिया संस्थान योमीउरी दैनिक (Japanese Media Institute Yomiuri Daily) ने कई गुमनाम जापानी सरकारी स्रोतों का हवाला देते हुए आज (28 अक्तूबर 2022) बताया कि जापान (Japan) अमेरिका बनी टॉमहॉक क्रूज मिसाइल (Tomahawk Cruise Missiles) खरीदने की योजना बना रहा है और बातचीत आखिरी दौर में है। चूंकि बीजिंग तेजी से अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है, सैन्याभ्यास करने के अलावा टोक्यो (Tokyo) खुद को रणनीतिक तौर पर ऊपर उठाने की कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में टोक्यो बड़ी पैमाने पर सैन्य साज़ोसामान की खरीद करने की कोशिश कर रहा है, जो कथित तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी हथियारों की खरीद है।

टॉमहॉक्स 1,000 किमी (620 मील) से ज्यादा दूरी से टारगेट को हिट करने के लिये जानी जाती हैं। अगर जापान इसे खरीदकर तैनात करता है तो ये चीन और रूसी सुदूर पूर्व के हिस्सों तक मार करने की ताकत सीधेतौर पर हासिल कर लेगा। मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाज़ु मात्सुनो (Chief Cabinet Secretary Hirokazu Matsuno) ने इस मामले पर बयान देने से इनकार कर दिया, लेकिन माना कि किया कि वो इस मामले में सामने आ रही कई मीडिया रिपोर्टों से अच्छी तरह वाक़िफ हैं।

मामले पर उन्होंने कहा कि, “सरकार पलटवार करने की काबिलियत के बारे में सोच कर रही है, लेकिन फिलहाल इस पर कोई खास फैसला नहीं लिया गया है।”

बता दे कि ताइवान और जापान के आसपास समुद्र और आसमान में चीनी सैन्य गतिविधि टोक्यो के लिये बड़ी चिंता का सब़ब बन गया है। उसे डर है कि यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले को चीन (China) मिसाल के तौर पर में देखता है, जो उसे ताइवान (Taiwan) के खिलाफ ताकत इस्तेमाल करने के लिये उकसा सकता है।

अगस्त में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) के ताइवान दौरे के बाद चीन ने इस कथित दौर पर पर अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिये जापान से 160 किमी से भी कम दूरी पर मिसाइलें दागी थीं, क्योंकि चीन ताइवान को अपने संप्रभु इलाके का हिस्सा मानता है।

बीते हफ्ते 20वीं कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में चीनी नेता शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने विश्व स्तरीय सेना बनाने की योजना में तेजी लाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि उनका देश ताइवान मुद्दे को सुलझाने के लिये ताकत इस्तेमाल करने से कभी नहीं हिचकेगा। मौका आने पर सभी तरह के सामरिक विकल्पों के इस्तेमाल किया जा सकता है। ताइवान को लेकर हमारी नीति अडिग रहेगी।

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