एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): सऊदी अरब (Saudi Arab) ने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका (America) के साथ खुफिया जानकारी साझा की है, जिसमें कहा गया है कि ईरान (Iran) पूरे पश्चिम एशिया में सऊदी के कई ठिकानों पर हमला कर सकता है। ये बड़ा हमला 48 घंटों के भीतर ही हो सकता है। हालांकि सऊदी अरब में अमेरिकियों के लिये अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास ने कोई सूचना या अलर्ट जारी नहीं किया है।
मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने कहा कि अमेरिका “खतरे को लेकर काफी चिंतित है। हम सऊदी के साथ सैन्य और खुफिया चैनलों के जरिये लगातार संपर्क में हैं। हम इलाके में अपने हितों और भागीदारों की रक्षा में वाज़िब कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचायेगें।”
पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर (Brigadier General Pat Ryder) ने भी इसी तरह की बात कही और कहा कि अमेरिका अपने सऊदी भागीदारों के साथ लगातार संपर्क में है। उन्होनें आगे कहा कि- सऊदी को अपने कई सामरिक मोर्चे की जानकारी हमें देनी पड़ सकती है। लेकिन जो हमने पहले कहा है और मैं इसे दोहराऊंगा, वो ये है कि हम अपनी हिफाज़त करने और अपनी रक्षा करने का अधिकार सुरक्षित रखेंगे, चाहे हमारी सेना इराक में या कहीं और तैनात हो।”
बता दे कि हाल के दिनों में अमेरिका ने 22 वर्षीय कुर्द महिला महसा अमिनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का खुलकर समर्थन किया, जिससे कि तेहरान (Tehran) बुरी तरह थर्राया हुआ है।
इसके अलावा वाशिंगटन (Washington) ने ईरान पर रूस को घातक ड्रोन की सप्लाई करने का आरोप लगाया, जिसका इस्तेमाल पुतिन ने कई यूक्रेनी इलाकों पर किया ताकि सामरिक बढ़त हासिल की जा सकें। इस बीच ईरान का मानना है कि सऊदी अरब देश भर में विरोध की आग को दबे-छिपे हवा दे रहा है। इस तरह तेहरान सऊदी सल्तनत के खिलाफ हथियारबंद मोर्चा खोलकर एक पत्थर से दो निशाने लगा सकता है।