एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): इज़राइल (Israel) के पूर्व प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने शानदार वापसी की। उन्हें इज़राइल के आम चुनावों में निर्णायक जीत मिली। प्रधान मंत्री यायर लैपिड (Yair Lapid) ने विपक्षी नेता नेतन्याहू को दौड़ में शामिल होने और उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी। 73 वर्षीय बेंजामिन नेतन्याहू इजरायली राजनेता और राजनयिक हैं, जिन्होंने दो बार साल 1996-99 और साल 2009-21 में इजरायल के प्रधान मंत्री के तौर पर अपनी सेवायें दी थी। वो इज़राइल की आज़ादी के बाद से सबसे लंबे समय तक इस पर रहने वाले प्रधान मंत्री भी थे।
बेंज़ियन नेतन्याहू के बेटे पीएम बेंजामिन नेतन्याहू साल 1963 में अमेरिका के फिलाडेल्फिया (Philadelphia of America) चले गए। साल 1967 में इजरायल की सेना में भर्ती होने के बाद वो एलीट स्पेशल ऑप्रेशन यूनिट सैय्यरत मेटकल (Elite Special Operations Unit Sayyrat Metkal) के सैनिक बन गये। बेंजामिन नेतन्याहू उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसने साल 1972 में तेल अवीव (Tel Aviv) हवाई अड्डे पर हाइजैक जेट विमान को बचाया था।
साल 1980 के दशक के मध्य में नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में इज़राइल के स्थायी प्रतिनिधि बन गये और साल 1988 में देश के सियासी गलियारे में उन्होनें एक बार फिर से वापसी की। उन्होंने दक्षिणपंथी रूढ़िवादी लिकुड पार्टी (Right-Wing Conservative Likud Party) से इजरायल की संसद में भेजे गये और उप विदेश मंत्री बने। साल 1996 में नेतन्याहू पहली बार प्रधान मंत्री बने, जो इज़राइल के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री थे।
उन्होंने 2009-21 से लगातार 12 सालों तक प्रधान मंत्री के तौर पर अपना दूसरा कार्यकाल पूरा किया। अब 2022 में नेतन्याहू न सिर्फ नेसेट (इजरायल की संसद) में वो सबसे बड़ी पार्टी की रहबरी करेंगे, बल्कि 120 सदस्यीय नेसेट में अपने धार्मिक और दक्षिणपंथी सहयोगियों के 64-मजबूत बहुमत वाले ब्लॉक का नेतृत्व करने के लिये अब वो सत्ता में लौटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं।
इज़राइल की केंद्रीय चुनाव समिति के मुताबिक नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी ने 32 सीटें जीतीं और उनके दक्षिणपंथी धार्मिक और राष्ट्रवादी गुट ने 120 सीटों वाली संसद या केसेट में 64 सीटें जीतीं। इज़राइल ने हाल ही में 2019 के बाद से अभूतपूर्व पांचवें चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया। देश की राजनीतिक व्यवस्था लगभग चार सालों से स्थिर है। बता दे कि इजरायली संसद में कुल 120 सीटें हैं।
केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 6.7 मिलियन से ज़्यादा योग्य मतदाताओं ने 12,495 मतपत्रों में मतदान किया। धोखाधड़ी की कवायदों को रोकने, यातायात का प्रबंधन करने और सुरक्षा बनाये रखने के लिये पूरे देश में करीब 18,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था। इज़राइल के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेता नेतन्याहू ने अपनी दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी और यहूदी अति-रूढ़िवादी गठबंधन के साथ सत्ता में लौटने की मांग की थी।