न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Delhi Air Pollution: दमघोंटू वायु प्रदूषण ने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है। दिल्ली में कई दिनों से हवा की गुणवत्ता (Air Quality) 400 से ऊपर बनी हुई है। हालात इतने बदतर है कि दिल्ली-एनसीआर के ज़्यादातर स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस चलायी जा रही हैं। दिल्ली में प्रदूषण के 7 प्रमुख कारण हैं, इनमें शामिल है- पराली जलाना, सड़क की धूल, वाहन का धुआं, कचरा जलाना, उद्योग और बिजली संयंत्रों से निकलने वाला धुआं और घरेलू आग।
एक अध्ययन में पाया गया कि प्रदूषण में इन सभी वज़हों की हिस्सेदारी हर महीने अलग-अलग होती है। दिल्ली में अक्टूबर और नवंबर महीने में वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान पराली का जलाया जाना है। 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच दिल्लीवासी प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, इस दौरान प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 31.4 प्रतिशत है। दूसरी बड़ी वज़ह वाहनों से निकलने वाला धुआं और तीसरा कारण घरों में इस्तेमाल होने वाले हीटर या चूल्हे।
इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण के कुल 7 कारणों में पराली को जलाना नंबर वन है।
उठाये ये कदम
घर से निकलने से पहले अपने इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI- Air Quality Index) चेक कर लें। अगर एक्यूआई 400 से ऊपर है तो कोशिश करें कि घर से बाहर न निकलें। एक्सरसाइज, मॉर्निंग वॉक और मैराथन न करें। इंडोर एक्सरसाइज ही करें। अगर एक्यूआई 300 से 400 है तो मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें। बाहरी गतिविधियों को रोकें। अगर एक्यूआई 200 से 300 के बीच है तो सांस या दिल के मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिये। अगर बाहर जाना ही है तो मास्क लगाकर ही बाहर निकलें।
जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता है, वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) भी काफी बढ़ते हैं, ऐसे में जरूरी वैक्सीनेशन (Vaccination) करवाने की कोशिश करें। घर के आसपास पौधे लगायें। घर के अंदर के वातावरण को यथासंभव स्वच्छ रखें।