एक तरफ पूरी दुनिया रूस-यूक्रेन जंग की लहरों को महसूस कर रही है और कई देश शांति की अपील कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने PLA (चीनी सेना) को जंग के लिए तैयार रहने को कहा। जिनपिंग ने कहा है कि चीन (China) की राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती अस्थिरता का सामना कर रही है और उन्होंने पीएलए को अपनी ऊर्जा क्षमता बढ़ाने और युद्ध लड़ने और जीतने के लिये युद्ध की तैयारी बनाये रखने का आदेश दिया क्योंकि उन्होंने रिकॉर्ड तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिये सेना की कमान संभाली है।
सीएमसी के प्रमुख के तौर पर अपने तीसरे कार्यकाल की शुरूआत करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत को दिये अपने संबोधन में शी (Chinese President Xi Jinping) ने कहा कि दुनिया एक सदी में अनदेखा किये गये ज़्यादा गहरे बदलावों से गुजर रही है और जोर देकर कहा कि चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना कर रही है, और इसके सैन्य कामकाज काफी पेचीदा बने हुए हैं।
हालांकि राष्ट्रपति शी ने किसी खास मुल्क का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका ये बयान संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में चीन के आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास पर बढ़ती वैश्विक चिंता के बीच आया है। पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत की सेनायें भी लंबे समय से गतिरोध से जूझ रही है। चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम (Malaysia and Vietnam) सभी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं।
अमेरिका के निचले सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi) के दौरे को लेकर चीन ताइवान से खफा है और उसने हाल ही में ताइवान (Taiwan) को घेरते हुए बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास भी किया था। टाइमिंग के लिहाज़ से भी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भाषण काफी अहम है। जिनपिंग के संबोधन के ठीक एक दिन बाद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए भारतीय सेना को किसी भी अप्रिय स्थिति का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिये हमेशा सतर्क रहने का निर्देश दिया।
जैसे ही जिनपिंग ने पीएलए को जंग के लिये तैयार रहने का निर्देश दिया, चीनी सेना ने अपने हथियार दुनिया को दिखाना शुरू कर दिया। चीन ने झुहाई (Zhuhai) में एयरशो में अपनी नई एंटी-शिप हाइपरसोनिक मिसाइल और लंबी दूरी के स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की ताकत दुनिया के सामने रखी। ये हाइपरसोनिक मिसाइल रूस की किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल (Kinjal Hypersonic Missile) का चीनी वर्जन बताया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आवाज से 12 गुना तेज रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ती है।
ये एंटी-शिप मिसाइल है जिसे खासतौर से विमान वाहक पोतों को तबाह करने के लिये डिज़ाइन किया गया है और इसे युद्धपोतों के साथ-साथ एच -6 बमवर्षकों से भी लॉन्च किया जा सकता है।
फिलहाल अमेरिका (America) के पास ऐसा कोई एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है जो चीनी हाइपरसोनिक मिसाइल से मुकाबला कर सके। ऐसे में अगर चीन इस मिसाइल से किसी अमेरिकी विमानवाहक पोत को निशाना बनाता है तो उसका बचना तकरीबन नामुमकिन होगा।
चीन के हालिया कदम संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये बड़ी चिंता का सब़ब बना गया हैं, इस बात को देखते हुए उसने देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात विमान वाहकों पोतों की तैनाती में इज़ाफा किया है।