न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): Gujarat Election 2022: टिकट बंटवारे को लेकर गुजरात भाजपा में उस वक़्त रार दिखी, जब गुजरात भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस कवायद के दौरान पार्टी के मौजूदा विधायक प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये।
गुजरात के खेड़ा जिले (Kheda District) में मातर विधानसभा सीट (Matar assembly seat) का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा के मौजूदा भाजपा विधायक केसरी सिंह सोलंकी (BJP MLA Kesari Singh Solanki) अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल हो गये क्योंकि सत्ताधारी भाजपा ने उन्हें उनकी सीट से टिकट के लिये मना कर दिया था। खास बात ये कि सोलंकी ने इस सीट से दो बार चुनाव जीता था।
गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया (Gopal Italia) ने राज्य में चुनाव होने से कुछ हफ्ते पहले जनता को इस बारे में बताया। इसी मुद्दे पर उन्होनें ट्विट कर लिखा कि- ” मातर विधानसभा के लोकप्रिय, कर्मठ, निडर विधायक श्री केसरीसिंह सोलंकी जी आज अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की ईमानदार राजनीति से प्रेरित होकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए है। मैं श्री केसरीसिंह जी का आम आदमी पार्टी में दिल से स्वागत करता हूँ। हम सब मिलकर गुजरात में ईमानदार सरकार बनाएंगे।”
ये घटनाक्रम सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद आया है। पार्टी ने कल्पेश परमार (Kalpesh Parmar) को सोलंकी की जगह टिकट दिया है। आप ने इस सीट से महिपत सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है।
बीजेपी ने पांच मंत्रियों समेत 38 मौजूदा विधायकों को इस बार चुनावी टिकट देने से इनकार कर दिया है। उम्मीद है कि इस फैसले के खिलाफ और भी विधायक विपक्षी दलों में शामिल हो सकते हैं। गृह मंत्री हर्ष संघवी, सीएम भूपेंद्र पटेल, क्रिकेटर रवींद्र जडेजा (Cricketer Ravindra Jadeja) की पत्नी रिवाबा जडेजा और हार्दिक पटेल (Rivaba Jadeja and Hardik Patel) को पहली लिस्ट में जगह मिली है।
गुजरात चुनावों में आप भाजपा के लिये सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, जिसने बीते 25 सालों में गुजरात में एक भी चुनाव नहीं हारा है। आम आदमी पार्टी राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में कार्यभार संभालकर कांग्रेस को राजनीतिक गुमनामी में धकेलने की लगातार कोशिश कर रही है।
आप ने पंजाब में भी ऐसी ही रणनीति अपनायी थी। आम आदमी पार्टी ने साल 2017 में भाजपा-शिअद गठबंधन (BJP-SAD Alliance) को प्रमुख विपक्ष बताया और प्रचंड बहुमत के साथ पंजाब की सत्ता में जगह बनायी। केजरीवाल की योजना AAP को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की है और वो उत्तर भारतीय राज्यों में तेजी से अपने निशान छोड़ते चले जा रहे है।