न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारतीय वायु सेना के मुताबिक आज (15 दिसंबर 2022) राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale Fighter Jet) की आखिरी खेप भारत पहुँच गयी। आईएएफ (IAF- Indian Air Force) ने कहा कि विमान यूएई (UAE) वायु सेना के टैंकर से बीच हवा में ईंधन भरने के बाद फ्रांस से भारत पहुंचा। भारत ने साल 2016 में जिस 60,000 करोड़ रूपये से ज्यादा के सौदे पर हस्ताक्षर किये थे, उन सभी विमानों की डिलीवरी अब पूरी हो गयी है। 35 अन्य जेट्स के साथ राफेल के अंबाला, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में तैनात किया गया हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आरबी टेल नंबर वाला 36वां विमान फ्रांस (France) की ओर से भारतीय वायुसेना को मुहैया करवाया गया। इसके सभी पुर्जों और अन्य पुर्जों को बदल दिया गया है क्योंकि इसका इस्तेमाल विकासात्मक गतिविधियों के लिये किया जा रहा था। बता दे कि राफेल एक 4.5-पीढ़ी का विमान है और इसने भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा और हवा से जमीन के साथ-साथ उन्नत रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के साथ भारतीय उप-क्षेत्रीय आसमान पर वर्चस्व हासिल करने में मदद खासा की है।
राफेल को चीन (China) के साथ संघर्ष के चरम पर भारतीय वायु सेना में तेजी से शामिल किया गया था और देश में आने के एक हफ्ते के भीतर इसकी ऑप्रेशनल तैनाती (Operational Deployment) लद्दाख (Ladakh) में कर दी गयी। IAF ने लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिटियोर मिसाइलों (Meteor Missiles) के साथ-साथ हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलों (Scalp Missiles) को भी जल्दी से दागने के लिये ऑप्रेशनल कर दिया। IAF ने राफेल के हथियारखाने में HAMMER मिसाइल को भी जोड़ा है क्योंकि कम दूरी पर सटीक हमले करने के लिये इसकी जरूरत थी।