न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारत और चीन ने 20 दिसंबर को चुशुल-मोल्दो सीमा (Chushul-Moldo Border) मीटिंग प्वॉइंट पर कोर कमांडर स्तर की बैठक के 17वें दौर का आयोजन किया और पश्चिमी इलाके में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाये रखने पर सहमति ज़ाहिर की। मामले पर विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने बयान में कहा कि, “अंतरिम रूप से दोनों पक्ष पश्चिमी इलाके में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाये रखने पर सहमत हुए है।”
विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है कि- “दोनों पक्ष करीबी संपर्क में रहने के साथ-साथ सैन्य और राजनयिक चैनलों के जरिये बातचीत बनाये रखने और जल्द से जल्द बाकी के मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए। 17 जुलाई 2022 को पिछली बैठक के बाद की हुई प्रगति के बारे में बात करते हुए दोनों पक्षों ने खुले और रचनात्मक तरीके से पश्चिमी इलाके में एलएसी (LAC) के साथ संबंधित मुद्दों के समाधान पर विचारों का आदान-प्रदान किया।”
विदेश मंत्रालय ने दोनों मुल्कों के बीच शांति बहाली के मुद्दे पर कहा कि- बाकी के लंबित मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान के लिये काम करने के लिये दोनों मुल्कों के नेताओं की ओर से जारी किये गये मार्गदर्शन के अनुरूप दोनों पक्षों ने साफ और गहन चर्चा की, जो कि एलएसी के साथ शांति बहाली में मदद करेगा। ये कवायद पश्चिमी इलाके और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सक्षम बनाती है।
बता दे कि कोर कमांडर स्तर की बैठक का 17वां दौर तवांग सेक्टर (Tawang Sector) के यांग्त्से इलाके में हालिया सीमा संघर्ष के बाद संपन्न हुआ है। 9 दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके (Yangtse Region) में एलएसी का उल्लंघन करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की।
इस मामले पर संसद में बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने दोनों सदनों को जानकारी दी कि चीनी कोशिशों का भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता और मजबूत तरीके से मुकाबला किया। इसके बाद हुए आमने-सामने के कारण हाथापाई हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए (PLA) को हमारे इलाके में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों की ओर वापस लौटने के लिये मजबूर किया।
मारपीट में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को चोटें आयी हैं। उन्होंने दोनों सदनों को जानकारी दी कि भारत की ओर से कोई हताहत या गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है।
भारतीय सैन्य कमांडरों के वक्त रहते दखल देने की वजह से पीएलए के सैनिक अपने ठिकाने पर वापस चले गये। घटना की फॉलोअप कार्रवाई के रूप में स्थापित तंत्र के मुताबिक इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिये 11 दिसंबर को इलाके के स्थानीय कमांडर ने अपने समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की।
चीनी पक्ष से इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर अमन-चैन बनाये रखने को कहा गया। रक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि इस मुद्दे को राजनयिक चैनलों के जरिये चीनी पक्ष के साथ भी उठाया गया था।