Punjab: भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांवों में बढ़े भैंस चोरी के मामले

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Punjab: भारत-पाकिस्तान सीमा के पास के कुछ गांवों में भैंस चोरी के मामलों में काफी इजाफा देखा जा रहा है। जम्हूरी किसान सभा पंजाब एंड बॉर्डर एरिया संघर्ष कमेटी (संयुक्त किसान मोर्चा) ने भैंस चोरी की ‘बढ़ते’ मामलों के खिलाफ बीते बुधवार (21 दिसंबर 2022) घरिंडा गांव (Gharinda Village) में थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। अमृतसर ग्रामीण पुलिस के तहत घरिंडा पुलिस स्टेशन इंटीग्रेटिड चेक पोस्ट अटारी (Check Post Attari) और भारत-पाकिस्तान सीमा पर कई गांवों को कवर करता है।

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि “अगर पुलिस भैंस की चोरी नहीं रोक सकती है, तो हम उनसे नशीली दवाओं की तस्करी रोकने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं, जो कि गाय-भैसों की चोरी से कहीं ज्यादा आसान है।” कौंके गांव भी भैंस चोरी के इस खतरे से जूझ रहा है, ये गांव भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan border) से महज 3 किमी दूर है।

इस खतरे का शिकार हुए चार भैंस मालिकों ने धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। कौंके गांव (Kaunke Village) के सूबा सिंह की तीन भैंस तीन दिन पहले चोरी हो गयी थी। इससे पहले इसी गांव के बलविंदर सिंह की पांच भैंस चोरी हो गयी थी। करीब एक महीने पहले जसपाल सिंह और सुरजीत सिंह की दो-दो भैंसें चोरी हो गयी थीं। एक अन्य किसान नेता रंधावा ने कहा कि, पुलिस में शिकायतें दर्ज की गयी, लेकिन मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

नश्ते गांव (Nashte Village) से भी भैंस चोरी का मामला दर्ज किया गया था, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के काफी पास है। इलाके के लोगों का मानना है कि क्षेत्र इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। भैंस चोरी सिर्फ एक अपराध है, बड़ी समस्या नशीले पदार्थों की तस्करी है। प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी कई गुना बढ़ गयी है। नशा खरीदने के लिये नशेड़ी तरह-तरह के अपराधों का सहारा ले रहे हैं। पुलिस नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में नाकाम रही है, और इसके नतीज़न अपराधों में काफी इजाफा हुआ है।

मामले पर डीएसपी अटारी प्रवेश चोपड़ा (DSP Attari Pravesh Chopra) ने कहा कि, ‘हम जल्द ही भैंसों को ढूंढ लेंगे। कई बार कोहरे का फायदा चोर उठा लेते हैं। लेकिन हम जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे।”

जब उनसे पूछा गया कि इतने संवेदनशील थाना क्षेत्र में उनकी नाक के नीचे भैंसों की चोरी हो सकती है तो क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी कैसे रोकी जा सकती है? इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि- “भैंस की चोरी के मामलों को नशीले पदार्थों की तस्करी (Drug Trafficking) से न जोड़ें। दोनों अलग-अलग अपराध हैं”

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