बिजनेस डेस्क (राजकुमार): वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को आज (20 जनवरी 2023) बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से जुड़े कथित लोन धोखाधड़ी मामले में जमानत दे दी। धूत को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 26 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। वेणुगोपाल धूत (Videocon Group Chairman Venugopal Dhoot) के वकील संदीप लड्डा ने मुख्य आरोपी आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) की सीबीआई की ओर से की गयी गिरफ्तारी को अवैध बताया, जिसके आधार पर जमानत दिये जाने के कुछ दिनों बाद कोर्ट में ये याचिका दायर की थी।
सीबीआई (CBI) ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ-एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को एक सह-आरोपी ने नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) का मालिकाना हक हासिल करने और गैरकानूनी तौर पर पैसा पाने में मदद की थी। वीडियोकॉन ग्रुप (Videocon Group) को बैंक लोन उधारदाताओं की यूनियन की ओर से 40,000 करोड़ रुपये के लोन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिये सीबीआई ने मार्च 2018 में दीपक कोचर और धूत के खिलाफ शुरूआती जांच की थी।
एजेंसी ने चंदा, उनके पति और वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ उनकी कंपनियों जैसे नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था।
अपनी शुरूआती जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि वीडियोकॉन ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों ने जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंक की ओर से तय की गयी वित्तीय नीतियों को दरकिनार करते हुए 1,875 करोड़ रुपये के छह लोन मंजूर किये गये थे। अब यहीं लोन, इसकी प्रक्रिया और इससे जुड़े लोग सीबीआई जांच का हिस्सा हैं।
एजेंसी ने कहा है कि कर्ज को 2012 में नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित किया गया था, जिससे बैंक को 1,730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।