न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): BBC Documentary on PM Modi: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने आज (24 जनवरी 2023) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर सीधा तीखा हमला किया, जिसने रिलीज होने के बाद से खासा विवाद खड़ा कर दिया है। मामले पर किरेन रिजिजू ने कहा कि- कुछ लोग अभी भी “औपनिवेशिक नशे” से नहीं निकले हैं और उनके लिये “गोरे” अभी भी उनके “मालिक” हैं।
रिजिजू ने अपने पहले के ट्वीट को टैग करते हुए ट्वीट किया, ” कुछ लोगों के लिये गोरे शासक अभी भी मालिक हैं जिनका भारत पर फैसला अंतिम है न कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला या भारत के लोगों की इच्छा।” उन्होंने दावा किया कि देश सकारात्मकता के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है।
दो दिन पहले रिजिजू ने ये भी कहा था कि: “भारत में कुछ लोग अभी भी औपनिवेशिक नशे से नहीं उबरे हैं। वो बीबीसी को भारत के सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर मानते हैं और अपने नैतिक आकाओं को खुश करने के लिये देश की गरिमा और छवि को किसी भी हद तक गिरा देते हैं।”
मामले पर रिजिजू ने प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा कि, “अल्पसंख्यक को लेकर भारत का हर समुदाय सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहा है। भारत के अंदर या बाहर शुरू किये गये दुर्भावनापूर्ण अभियानों से भारत की छवि को अपमानित नहीं किया जा सकता है। पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की आवाज 1.4 अरब भारतीयों की आवाज है।”
बता दे कि बीते हफ्ते भारत सरकार ने प्रधान मंत्री मोदी पर बनी विवादास्पद बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज की निंदा की, इसे दुष्प्रचार करने वाली नेरैटिव स्टोरी करार दिया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने बीती 19 जनवरी को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, “हमें लगता है कि इसे खास बदनाम कहानी को आगे बढ़ाने के लिये बनाया गया ये प्रचार लेख है। पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और जारी औपनिवेशिक मानसिकता इसमें साफतौर पर झलकती है।”
MEA के प्रवक्ता ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री उन लोगों की परछाईं है जो इस कथा को फिर से पेश कर रहे हैं। इस बीच बीते शनिवार को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर कड़ी प्रतिक्रिया में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, नौकरशाहों और सशस्त्र बलों के दिग्गजों समेत 300 से ज्यादा प्रतिष्ठित भारतीयों ने पीएम मोदी के प्रति “अविश्वसनीय पूर्वाग्रह” दिखाने के लिये ब्रिटिश राष्ट्रीय प्रसारक की आलोचना करते हुए बयान जारी करते हुए हस्ताक्षर किये।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने बीते सोमवार (23 जनवरी 2023) को एक मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि: “आप जिस डॉक्यूमेंट्री का जिक्र कर रहे हैं, मैं उससे परिचित नहीं हूं, हालांकि मैं उन साझा मूल्यों से बहुत परिचित हूं जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को समृद्ध और जीवंत लोकतंत्र बनाते हैं।”