एजेंसियां/न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने बीते सोमवार (30 जनवरी 2023) को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन को F-16 लड़ाकू जेट मुहैया नहीं करवायेगा क्योंकि कीव रूसी सेना (Russian Army) से लड़ने में सक्षम होने के लिये ज्यादा हथियार और एरियल सपोर्ट की मांग करता रहा है। व्हाइट हाउस (White House) में जब एक रिपोर्टर ने जो बिडेन पूछा कि क्या अमेरिका यूक्रेन को F16 या अन्य विमान भेजेगा, तो बिडेन ने “बस नहीं” में जवाब दिया। बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति (US President Joe Biden) का ये जवाब एक दिन बाद सामने आया है, जब जर्मनी ने भी लड़ाकू जेट भेजने से इंकार कर दिया था।
गौरतलब है कि अमेरिका, जर्मनी और अन्य नाटो देश पिछले सप्ताह कीव में भारी युद्धक टैंक भेजने पर सहमत हुए थे, जबकि बर्लिन लेपर्ड 2 टैंक भेज रहा है, अमेरिका कीव को अपने सबसे उन्नत टैंक एम1 अब्राम्स मुहैया करवायेगा। यूक्रेन के उप विदेश मंत्री एंड्री मेलनीक (Ukraine’s Deputy Foreign Minister Andrey Melnyk) ने टैंकों पर लिये फैसले का स्वागत किया, लेकिन पश्चिमी सहयोगियों से “लड़ाकू जेट गठबंधन” बनाने के लिये कहा, जो कि उन्हें संभावित तौर पर यूरोफाइटर्स, टोर्नाडोस, फ्रेंच राफेल और स्वीडिश ग्रिपेन जेट (French Rafale and Swedish Gripen jet) मुहैया करवा सकता है।
यूक्रेन का कहना है कि जेट विमानों से उसे अपने हवाई इलाके पर नियंत्रण हासिल करने में खासा मदद मिलेगी। कई यूरोपीय देश यूक्रेन को जेट मुहैया करवाने के लिये विकल्पों पर विचार कर रहे है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (French President Emmanuel Macron) ने बीते सोमवार (30 जनवरी 2023) को कहा कि वो लड़ाकू विमान देने से इंकार नहीं करेंगे, लेकिन जंग में इजाफे के संभावित जोखिम को लेकर उन्होनें कीव को आगाह किया।
कई विश्लेषकों का कहना है कि यूक्रेन और रूस दोनों आने वाले महीनों में बड़े पैमाने पर आक्रामक पलटवार की तैयारी कर सकते हैं। पश्चिमी विमान कीव की ताकत को जबरदस्त रूप से बढ़ायेगें, खासतौर से ये देखते हुए कि 11 महीने के युद्ध से यूक्रेन की अपनी वायु सेना की ताकत काफी कम हो गयी है।
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ (German Chancellor Olaf Scholz) ने और ज्यादा सैन्य सहायता भेजने के मामले को ओछापन करार दिया, उन्होंने हाल ही में भारी टैंक भेजने के लिये अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर की। स्कोल्ज़ ने जर्मन समाचार पत्र टैगेस्पीगेल (Newspaper Tagespiegel) में भी साफ किया कि नाटो सैन्य गठबंधन (NATO Military Alliance) रूस के साथ जंग में नहीं है।