नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): आज (6 फरवरी 2023) जैसे ही दोपहर 2 बजे संसद में कार्यवाही फिर से शुरू हुई विपक्ष अडानी ग्रुप (Adani Group) पर चर्चा की अपनी मांग को उठाने में अडिग रहा। बता दे कि अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (American Firm Hindenburg Research) ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया, जिसके बाद इस मामले में देश की राजनीति में तुरन्त तूल पकड़ लिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि सूचीबद्ध कार्य सदन के सदस्यों को अभिव्यक्ति के सभी अवसर मुहैया करवाता है। इस दौरान विपक्ष ने अपना विरोध जारी रखा, जिसके चलते दोनों सदनों को 7 फरवरी को सुबह 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष के सदस्यों ने “अडानी सरकार” के नारे लगाये और ग्रुप के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC- Joint Parliamentary Committee) से जांच कराने की मांग की। कार्यवाही के पहले हिस्से में अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने विपक्षी पार्टी के सदस्यों को ये कहते हुए फटकार लगाई कि “नारेबाजी” देश के हित में नहीं है और आम जनता ने उन्हें अपने मुद्दों को उठाने के लिये चुना है। राज्यसभा में भी सभापति धनखड़ ने कहा, “तथ्य ये है कि आप बाहरी उद्देश्यों के लिये विचार-विमर्श के लिये एक मंच चुनते हैं, ये उचित नहीं है … मैं आपसे अपील करता हूं, ये सोचने का समय है कि आम आदमी क्या सोच रहा है।”
इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि वे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने को तैयार हैं, लेकिन विपक्ष की पहली मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अडानी मुद्दे पर जवाब दें। विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। “अदानी मोदी में यारी है, पैसे की लूट जारी है” और “एलआईसी बचाओ” के नारों वाले कार्ड लिये विपक्षी सांसदों को नारे लगाते हुए देखा गया।