बिजनेस डेस्क (राजकुमार) भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अटकलों के उलट रेपो दर (Repo Rate) को लगातार छठी बार तत्काल प्रभाव से 25 बीपीएस से बढ़ाकर 6.50% कर दिया। आरबीआई की ओर से आज (8 फरवरी 2023) रेपो दर में सबसे हालिया इज़ाफे के बाद बैंकों को खुदरा ऋण (Retail Loan) पर ब्याज दरों में इज़ाफे का सीधा अनुमान है। इसलिए ये समझना अहम है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर बढ़ाने का फैसला कैसे लिया और आम आदमी की मासिक ईएमआई पर इस कैसा असर पड़ेगा?
इस इज़ाफे की तादाद पिछले तीन एमपीसी के दौरान ये धीरे-धीरे कम हो गयी, आरबीआई की रेपो दरों में ताजातरीन इजाफे के बावजूद 50 बेसिस प्वाइंट से 35 बेसिस प्वाइंट से अब 25 बेसिस प्वाइंट हो गयी है। ये सच है कि बैंक की ब्याज दरों में इज़ाफे का सीधा असर बैंक डिपॉजिटर्स और नये लोन लेने वालों दोनों पर पड़ेगा।
रेपो दर में बढ़ोत्तरी के बाद बैंक अपने कंज्यूमर लोन (Consumer Loan) पर ब्याज दर बढ़ाते हैं, और वो आम तौर पर लोन की ब्याज दर में बढ़ोत्तरी के बाद मासिक ईएमआई बढ़ाने के बजाय लोन की अवधि बढ़ाते हैं।
रेपो रेट बढ़ने के हालातों में उधार लेने की लागत बढ़ जाती है, और बैंक इस लागत को उधारकर्ताओं पर डाल देते हैं, जिससे ईएमआई की लागत बढ़ जाती है। जबकि सावधि जमा (Fixed Deposit) धारकों के लिये दरों में इज़ाफा खुशखबरी हो सकता है, जो कि प्रतिस्पर्धी दरें अर्जित करना चाहते हैं।
सभी लोन ब्याज दरों को बैंकों और अन्य लोन देने वाले संगठनों की ओर से पहले ही बढ़ा दिया गया है। आरबीआई के आज के फैसले के नतीज़न उधारदाताओं के लिये अब ऐसा करने के लिये ये क्षेत्र खुला है, उधार की लागत में अनावश्यक रूप से बढ़ोत्तरी हुई है।
होम लोन की ईएमआई
मान लीजिये कि आपने 20 साल की के लिए 7.05% सालाना दर से 25 लाख रूपये का होम लोन (Home Loan) लिया है तो आपकी ईएमआई लगभग 758 रूपये बढ़कर 19,458 रूपये से 20,216 रूपये हो जायेगी। देय ब्याज की कुल रकम अब 21,69,819 रूपये के बदले 23,51,918 रूपये होगी।