Operation Dost: तुर्की में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन दोस्त’, राहत और बचाव अभियान में जुटी भारतीय सेना और NDRF

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया (Turkey and Syria) में मची भारी तबाही ने दोनों देशों को अपंग बना दिया, खासतौर से तुर्की-सीरिया भूकंप की वज़ह से मरने वालों की तादाद अब 10,000 के करीब है, जिसमें हजारों लोग बेघर और असहाय शामिल हैं। तुर्की-सीरिया भूकंप ने दोनों देशों में 11,000 से ज्यादा इमारतों और नागरिक संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया, जबकि मलबे में फंसे लोगों की मदद के लिये बचाव अभियान कई इलाकों में कड़ाके की ठंड और शून्य से नीचे के तापमान की वज़ह से बनता दिख रहा है।

भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद करने के प्रयास में भारत सरकार बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता के तौर पर दोनों देशों के लिये दोस्ती का हाथ बढ़ा रही है, जिसके तहत कई जेट राहत सामग्री लेकर भूंकप प्रभावित इलाकों के लिये उड़ान भर रहे हैं।

भारतीय सेना के सहयोग से मोदी सरकार ने ऑपरेशन दोस्त (Operation Dost) के हिस्से के तौर पर सीरिया और तुर्की दोनों को राहत सामग्री भेजी है, ये मोदी सरकार की ओर से भूकंप प्रभावित देशों के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिये चलाया गया खास ऑप्रेशन है।

ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत ने तुर्की और सीरिया के बचाव अभियानों का समर्थन करने के लिये चार सी -17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों में तुर्की राहत सामग्री, एक मोबाइल अस्पताल, विशेष खोजी दस्ता और बचाव दल भेजा है।

भारत ने भारतीय वायु सेना (IAF- Indian Air Force) के ट्रांसपोर्ट विमान में जीवन रक्षक दवाओं और चिकित्सा वस्तुओं समेत छह टन राहत सामग्री सीरिया भेजी, जो कि सोमवार को भूकंप (6 फरवरी 2023) से भी प्रभावित हुआ था। भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया की मदद करने वाले कई देशों में भारत भी शामिल है।

खोज और बचाव कर्मियों की टाम, खासतौर से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, ड्रिलिंग मशीन, राहत सामग्री और दवाओं को लेकर भारतीय वायु सेना का पहला सी-17 परिवहन विमान सुबह भूकंप प्रभावित देश के अदाना में उतरा।

इसी तरह की मदद खेप के साथ दूसरा भारतीय वायुसेना का विमान दोपहर के आसपास तुर्किये भेजा गया। भारतीय सेना के आगरा (Agra) स्थित आर्मी फील्ड हॉस्पिटल से 99 सदस्यीय टीम मदद के लिये तुर्की रवाना कर दी गयी है। ये विशेष टीम 30 बिस्तरों का फील्ड अस्पताल भूकंप प्रभावित इलाके में बनायेगी।

तुर्की के राजदूत फ़िरात सुनेल (Turkish Ambassador Firat Sunel) ने बताया कि ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन दोस्त क्यों रखा गया है। उन्होंने ट्वीट किया, “दोस्त’ तुर्की और हिंदी में एक आम शब्द है… हमारे पास एक तुर्की कहावत है: ‘दोस्त करा गांडे बेली ओलुर’ (ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त ही दोस्त होता है)। भारत आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।”

राहत सामग्री लेकर सीरिया जा रहे वायुसेना के सी-130 जे विमान ने मंगलवार (7 फरवरी 2023) देर रात उड़ान भरी।

विदेशी मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने ट्वीट मामले पर ट्विट कर लिखा सि, “छह टन आपातकालीन राहत सहायता लेकर भारतीय वायुसेना की उड़ान सीरिया के लिये रवाना हो गयी है। इस खेप में जीवन रक्षक दवायें और आपातकालीन चिकित्सा सामग्री शामिल हैं। भारतीय इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़ी हैं।”

बता दे कि तुर्की-सीरिया भूकंप रिक्टर पैमाने पर 7.8 की तीव्रता का था और दोनों देशों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। सैकड़ों लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं जबकि बेघर हुए लोगों के लिये अस्थायी घर बनाये गये हैं।

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