Australia: मंदिरों में तोड़फोड़ के खिलाफ लामबंद हुए हिंदू, उठी खालिस्तान पर कार्रवाई की मांग

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): ऑस्ट्रेलिया (Australia) में भारतीय समुदाय ने देश के कई हिस्सों में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ की निंदा की और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इससे पहले इस साल जनवरी में कथित तौर पर खालिस्तान (Khalistan) समर्थकों की ओर से ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में कई हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई थी। सिडनी (Sydney) में हिंदू मंदिरों पर किये गये हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शख़्स ने कहा कि- “मुझे उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। हम हिंदू हैं और हमारी संस्कृति में हिंदू धर्म का मतलब जीवन का तरीका है और हम हर धर्म का सम्मान करते हैं।”

अपने बात आगे बढ़ाते हुए प्रदर्शनकारी ने कहा कि- “हर बार जब हम ऐसा कुछ सुनते हैं, तो ये हमें काफी चिंता में डाल देता है। एक हिंदू या एक ईसाई या एक मुसलमान के तौर पर हम सब एक हैं और हम एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। सरकार को इसका ध्यान रखना होगा और समस्या पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।”

एक अन्य भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई ने मीडिया को बताया कि समुदाय के खिलाफ देश में जो हो रहा है वो भारी चिंता का सब़ब है। सिडनी ऑस्ट्रेलिया में एक अन्य भारतीय मूल के शख़्स ने कहा कि, ” ऑस्ट्रेलियाई सरकार कहती है कि हम बहु-संस्कृति वाले देश हैं, लेकिन उन्हें उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिये और हमारे मंदिरों के लिये समर्थन दिखाना चाहिये।”

बता दे कि जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के कैरम डाउन्स (Carrom Downs) में श्री शिव विष्णु मंदिर को हिंदू विरोधी भित्तिचित्रों के साथ तोड़ दिया गया था। ऑस्ट्रेलिया के तमिल हिंदू समुदाय (Tamil Hindu Community) की ओर से मनाये जाने वाले तीन दिवसीय “थाई पोंगल” उत्सव के बीच 16 जनवरी को मंदिर के भक्तों के ‘दर्शन’ के लिये आने के बाद ये प्रकरण सामने आया।

15 जनवरी 2023 की शाम को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न (Melbourne) में एक कार रैली के जरिये अपने लिये जनमत संग्रह हासिल करने की कोशिश की। हालांकि वो बुरी तरह नाकाम रहे क्योंकि उस दौरान लगभग 60,000 मजबूत मेलबोर्न समुदाय में से दो सौ से भी कम लोग इकट्ठे हुए।

उपरोक्त घटना से एक सप्ताह पहले 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के मिल पार्क में BAPS स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी भित्तिचित्रों से भर दिया गया था। मिल पार्क के उपनगर में स्थित मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे हुए भारत विरोधी तत्वों की ओर से मंदिर को तोड़ दिया गया था। मामले के बारे में एक चश्मदीद ने दावा किया कि जब उन्होंने मौके का मुआयना किया तो उन्होंने मंदिर की क्षतिग्रस्त दीवारों को देखा। चश्मदीद ने कहा कि- “जब मैं आज सुबह मंदिर पहुंचा तो सभी दीवारें हिंदुओं के प्रति खालिस्तानी नफरत के भित्तिचित्रों से रंगी हुई थीं। खालिस्तान समर्थकों की ओर से शांतिपूर्ण हिंदू समुदाय के प्रति धार्मिक घृणा के खुलेआम प्रदर्शन से मैं डरा हुआ और निराश हूं।”

मेलबोर्न इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKCON-International Society for Krishna Consciousness) मंदिर के मैनेजमेंट को हरे कृष्ण मंदिर (Hare Krishna Temple) के नाम से भी जाना जाता है, मंदिर की दीवारों को भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ तोड़ दिया गया। इस्कॉन मंदिर पर हमला विक्टोरियन मल्टीफेथ नेताओं की ओर हुई एक आपातकालीन बैठक के दो दिन बाद हुआ।

विक्टोरियन बहुसांस्कृतिक आयोग ने मिल पार्क और कैरम डाउन्स में हिंदू मंदिरों की बर्बरता की निंदा करते हुए सार्व जनिक बयान भी जारी किया था। बाद में भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ की निंदा की और कहा कि इस मामले को कैनबरा (Canberra) में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सामने उठाया गया है और अपराधियों के खिलाफ शीघ्र जांच के लिये भी कहा।

मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने आश्वासन देते हुए कहा कि, “ऑस्ट्रेलिया में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने स्थानीय पुलिस के सामने मामले को उठाया है। हमने अपराधियों के खिलाफ शीघ्र जांच कार्रवाई और निश्चित रूप से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों का अनुरोध किया है। इस मामले को कैनबरा और नई दिल्ली दोनों में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सामने भी उठाया गया। और हम उस कार्रवाई का इंतज़ार कर रहे हैं जिसका हमने अनुरोध किया है। ऑस्ट्रेलिया के भारत में उच्चायुक्त बैरी ओ’फेरेल एओ ने भी घटनाओं की निंदा की थी और कहा था कि ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न में दोनों हिंदू मंदिरों के साथ हुई बर्बरता से वो स्तब्ध है, और अधिकारी उसी की जांच कर रहे हैं।”

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