एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): यूक्रेन पर रूस (Russia) के हमले को एक साल पूरा होने से ठीक एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस मानवता का अपमान बताते हुए अपनी नाराजगी ज़ाहिर की। गुटेरेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) ने कहा कि, “ये हमारे हमारे सामूहिक विवेक का सीधा अपमान है।” उन्होंने हमले की बरसी को “यूक्रेन के लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिये गंभीर मील का पत्थर” कहा।
जैसे ही यूक्रेन में जंग शुरू हुई, महासभा ने कीव और उसके सहयोगियों की ओर से समर्थित एक प्रस्ताव पर बहस शुरू कर दी, जिसमें “न्यायसंगत स्थायी शांति” का आह्वान किया गया था। अपने शुरूआती बयान में गुटेरेस ने 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए रूस के अपने पड़ोसी मुल्क यूक्रेन पर किये हमले और उसके दुनिया पर पड़ने वाले असर पर रौशनी डाली।
उन्होंने कहा कि “इस जंग ने आठ मिलियन शरणार्थियों को संकट में धकेल दिया। जंग ने इलाके से दूर मुल्कों में वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सप्लाई को खासा नुकसान पहुँचाया है। जैसा कि मैंने पहले दिन से ही कहा था, यूक्रेन (Ukraine) पर रूस का हमला हमारी बहुपक्षीय प्रणाली के आधारशिला सिद्धांतों और मूल्यों को चुनौती देता है। हालांकि संभावनायें आज धूमिल होती दिख सकती हैं, हम जानते हैं कि असल स्थायी शांति संयुक्त राष्ट्र चार्टर (Peace Charter United Nations) और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित होनी चाहिए। जितनी लंबी लड़ाई जारी रहेगी, ये काम उतना ही मुश्किल होता जायेगा।”
नए प्रस्ताव के साथ कीव को कम से कम इतने ही देशों का समर्थन हासिल करने की उम्मीद है, जैसा कि अक्टूबर में हुआ था, जब 143 देशों ने यूक्रेन के कई इलाके पर रूस के घोषित विलय की निंदा करने के लिये मतदान किया था। हालांकि ये उपाय उतना मुश्किल नहीं हो सकता जितना यूक्रेन चाहेगा, ये उम्मीद की जा रही है कि बड़ी तादाद में संयुक्त राष्ट्र के राज्य कीव (Kyiv) को वैश्विक समुदाय का समर्थन दिखाने के लिये गैर-बाध्यकारी संकल्प का समर्थन करेंगे।
दर्जनों देशों की ओर से समर्थित संकल्प संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के तहत यूक्रेन में जल्द से जल्द व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति तक पहुंचने की जरूरतों पर जोर दे सकते है। ये संयुक्त राष्ट्र की यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और दुश्मनी को तुरन्त खत्म करने का आह्वान करता है।
ये प्रस्ताव रूस से तुरंत, पूरी तरह से और बिना शर्त के यूक्रेन के इलाके से अपने सभी सैन्य बलों को वापस लेने की मांग करता है। बता दे कि रूस ने पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। संघर्ष के पहले कुछ महीनों में लगातार जंगी बढ़त के बाद रूसी सेना को यूक्रेनी सेना की ओर से मिले जवाबी हमले के बाद पीछे हटना पड़ा था।