न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Ajnala Violence: अजनाला में संदिग्ध खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पंजाब पुलिस (Punjab Police) के बीच हुई झड़प के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) ने कहा कि सूबे में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के मुंबई स्थित आवास मातोश्री (Matoshree) में एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए ऐसा लगा कि भगवंत मान अजनाला हिंसा पर सवाल को टाल रहे हैं।
अजनाला झड़प पर एक सवाल के जवाब में सीएम भगवंत मान ने कहा कि, “आपके पास गलत जानकारी है। पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस किसी भी हालातों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। पंजाब के लोग साथ रहना चाहते हैं। हमारा प्रदेश एक शांतिपूर्ण राज्य है। बड़े उद्योगों ने वहां निवेश करना शुरू कर दिया है। पहले एक परिवार विशेष के साथ एमओयू किया जाता था, अब पंजाब के तीन करोड़ लोगों के साथ एमओयू किया जा रहा है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीते शुक्रवार (24 फरवरी 2023) महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात की।
इससे पहले बीते गुरुवार (23 फरवरी 2023) को पंजाब पुलिस ने संदिग्ध खालिस्तान समर्थक (Pro Khalistan Supporter) संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख के बाद सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान को किया, इस गिरफ्तारी के खिलाफ अमृतसर में एक बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। इस दौरान हाथों में तलवारें और बंदूकें लिये खालिस्तानी समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर लगे पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया। हालांकि पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ नेता और उनके समर्थकों के साथ बातचीत के बाद लवप्रीत तूफान (Lovepreet Tufan) को रिहा करने का फैसला किया।
मामले पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अमृतसर (ग्रामीण) सतिंदर सिंह ने कहा कि, “हमारे सामने पेश किये गये सबूतों की बुनियाद पर ये फैसला लिया गया कि लवप्रीत तूफान को बरी कर दिया जायेगा। मामले की जांच के लिये एसआईटी गठित की गयी थी (तूफान के खिलाफ)।”
इसी मुद्दे पर एसएसपी अमृतसर ग्रामीण सतिंदर सिंह (SSP Amritsar Rural Satinder Singh) आगे ने कहा कि, “उन्होंने (‘वारिस पंजाब दे’ सदस्यों) ने उनकी (तूफ़ान की) बेगुनाही का समर्थन करने के लिये काफी सबूत पेश किये हैं। एसआईटी ने भी इसका संज्ञान लिया है। इन लोगों ने अब शांति से हटने का फैसला किया है। कानून अपना काम करेगा।”
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने गुरुवार को कहा कि, “…राजनीतिक मकसद से एफआईआर दर्ज की गयी थी। अगर वो एक घंटे में मामले को रद्द नहीं करते हैं, तो आगे जो होगा उसके लिये प्रशासन खुद जिम्मेदार होगा। उन्हें लगता है कि हम ये नहीं कर सकते। इसलिए शक्ति का ये प्रदर्शन जरूरी था।”
अमृतपाल सिंह ने चेतावनी देते हुए आगे कहा कि- “झूठी खबर प्रसारित की जा रही है कि (विरोध के दौरान) एक पुलिस कर्मी घायल हो गया। सच्चाई ये है कि वह (एक पुलिस कर्मी) गिरने के बाद घायल हो गया था। असल में हमारे 10-12 लोग घायल हो गये थे (पुलिस कर्मियों के साथ झड़पों में)। हम मांग करते हैं कि लवप्रीत तूफान को 24 घंटे के भीतर रिहा किया जाये। हम 24 घंटे भी इंतजार नहीं करेंगे,”
बता दे कि ‘वारिस पंजाब दे’ की स्थापना एक्टिविस्ट दीप सिद्धू (Deep Sidhu) ने की थी, जिसकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।