न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): रूस-यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) को एक साल पूरा हो गया है। रूस ने औपचारिक रूप से पिछले साल 24 फरवरी को जंग की शुरुआत की थी, ये अभी भी जारी है। लेकिन इस युद्ध से हासिल क्या हुआ? कौन अपने मिशन में कामयाब हुआ, किसे फायदा हुआ और किसे नुकसान हुआ?
24 फरवरी 2022 को जंग शुरू होने के साथ ही ऐसा लग रहा था कि रूस के लिये मोर्चा जीतना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन यूक्रेन जैसे छोटे देश ने इसे रूस के लिये मुश्किल काम बना दिया। फोर्ब्स (Forbes) की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस जंग में यूक्रेन को 50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
रूस ने यूक्रेन के 12 हवाईअड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया है। जंग ने स्कूलों और बच्चों को भी नहीं बख्शा। अब तक ढाई हजार से ज्यादा स्कूल इस जंग की चपेट में आ चुके हैं। यूक्रेन में 1.40 लाख घर तबाह हो चुके हैं और यूक्रेन के अहम बंदरगाह बर्बाद हो गये हैं। यूक्रेन के हर 10 में से दो अस्पताल युद्ध की चपेट में आ चुके हैं।
यूक्रेन ने दावा किया कि 299 से ज्यादा रूसी लड़ाकू जेट और 6,593 से ज्यादा तोपों को तबाह कर दिया गया। इसके अलावा यूक्रेन ने कहा कि उसने रूस के 287 हेलीकॉप्टर, 5,215 सैन्य वाहन, 873 क्रूज मिसाइल, 3,350 टैंक समेत बड़े पैमाने पर सैन्य ढ़ांचों को तहस नहस कर दिया है।
यूक्रेन भी जानता है कि जब तक अमेरिका और नाटो (NATO) उसके साथ खड़े रहेंगे, रूस के लिये उसे हराना बहुत मुश्किल होगा। जंग का नतीजा कब निकलेगा कोई नहीं जानता, लेकिन ज़ेलेंस्की (Zelensky) हार नहीं मानना चाहते और पुतिन (Putin) किसी भी क़ीमत पर जीतना चाहते हैं.. ज़ेलेंस्की ने फिर कहा है कि साल 2023 जीत का साल होगा।
यूएन (UN) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस जंग में यूक्रेन के 7,199 लोगों की मौत हुई है जबकि 11,756 लोग घायल हुए हैं। इस जंग ने पश्चिम और रूस के बीच एक नयी दीवार खड़ी कर दी। रूसी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है। कई इंटरनेशनल ब्रैंड्स ने वहां से अपना कारोबार वापस खींच लिया है। इस बीच चीन (China) ने रूस के साथ अपनी दोस्ती गहरी कर ली है, लेकिन वो जंग से संतुलित दूरी भी बनाये हुए है। कुल मिलाकर दुनिया धीरे-धीरे दो खेमों में बंटती नजर आ रही है।