एजेंसियां/न्यूज डेस्क (आदर्श शुक्ला): एक कथित ड्रोन हमले ने बीते रविवार (26 फरवरी 2023) को बेलारूस (Belarus) की राजधानी मिन्स्क के पास हवाई इलाके में रूसी ए-50 निगरानी सैन्य विमान को तबाह कर दिया। ये हमला कथित तौर पर बेलारूस के पक्षकारों और निर्वासित विपक्ष के सदस्यों की ओर से किया गया था।
बेलारूस के सरकार विरोधी संगठन बीवाईपीओएल के नेता अलीकसंद्र अजरोव (Aliksandr Azarov) ने संगठन के टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर कहा कि, “वो ड्रोन थे। ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले बेलारूसी हैं।” ये पैगाम पोलैंड (Poland) के बेलसैट समाचार चैनल की ओर से भी ब्रॉडकास्ट किया गया था, जो कि मिन्स्क का चरमपंथी ब्रांडेड ब्रॉडकास्टर है। प्रसारण में बताया गया कि हमले में हिस्सा लेने बेलारूसी पूरी तरह महफूज और मुल्क से बाहर है।
बेलारूसी विपक्षी नेता स्वेतलाना सिखानौस्काया (Svetlana Sikhanovskaya) के सलाहकार फ्रांक वियाकोर्का (Frank Viakorka) ने अपनी ट्विटर पोस्ट में रूसी ए-50 विमान पर हमले को साल 2022 की शुरुआत के बाद हुई तोड़फोड़ का अब तक का सबसे कामयाब ऑप्रेशन बताया। बेलसैट में पूर्व कानून प्रवर्तन अधिकारी शामिल हैं, जो कि विपक्षी राजनेताओं का समर्थन करते हैं और उन्हें आतंकवादी संगठन करार दिया गया है।
हालांकि हमले की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन अगर ये सच है, तो इसका मतलब रूसी वायु सेना के लिये ये बड़ा नुकसान होगा। बता दे कि विमान जो कि आईएल-76 क्वाड-जेट कार्गो ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। कथित तौर ये हमला ड्रोन के जरिये किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे रूसी वायुसेना को काफी नुकसान हुआ है।
मिंस्क के पास माचुलिशची एयर बेस (Machulishchi Air Base) पर हुए हमले में दो धमाकों के बाद विमान के सामने और मध्य भाग के साथ-साथ रडार एंटीना क्षतिग्रस्त हो गये। बेरीव ए-50 विमान, जो कि मेनस्टे के नाटो (NATO) रिपोर्टिंग नाम से जाता है, रूसी हवाई प्रारंभिक चेतावनी विमान है। इसमें एयरबोर्न कमांड और कंट्रोल क्षमतायें हैं, ये एक वक्त में 60 टारगेट को ट्रैक करने की कुव्वत रखता है।
अब जबकि बेलारूस ने रूस-यूक्रेन जंग में सीधा दखल नहीं दिया है, उसने मास्को को अपने इलाके का इस्तेमाल लॉन्च पैड के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। दोनों देशों ने बेलारूस में ज्वॉइंट मिलिट्री यूनिट तैनात की है, साथ की कई युद्धाभ्यास भी किये हैं। कई रूसी युद्धक विमान और हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण विमान बेलारूस में तैनात किये गये हैं।