न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): 32 वर्षीय बेरोजगार युवक जिसने संपत्ति के विवाद पर अपने पिता की हत्या करने के लिये 1 करोड़ रुपये में दो सुपारी किलर्स को किराये पर लिये थे, बैंगलुरू पुलिस (Bengaluru Police) ने उसे हिरासत में लिया है। मराठाहल्ली (Marathahalli) के कावेरप्पा ब्लॉक के निवासी नारायण स्वामी की 13 फरवरी को उनके अपार्टमेंट के बाहर हत्या कर दी गयी थी। बाइक सवार दो हमलावरों ने स्वामी पर चाकू से हमला किया था और फरार हो गये थे। नारायण स्वामी (Narayan Swami) के बेटे एन.मणिकांत (N.Manikant) हत्या के चश्मदीद गवाह थे और उन्होंने उसी दिन मराठाहल्ली पुलिस में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी।
मणिकांत ने पुलिस को बताया कि वो परेशान था क्योंकि उसके पिता ने उसकी (मणिकांत की) पत्नी अर्चना को फ्लैट उपहार में देने का फैसला किया था। नारायण स्वामी ने कावेरप्पा ब्लॉक (Kaverappa Block) में एक अपार्टमेंट का बनवाया था और फ्लैट में अपनी पत्नी, मणिकांत और अर्चना के साथ रहते थे।
मामले पर पुलिस ने बताया कि अर्चना मणिकांत की ये दूसरी पत्नी हैं और उनकी एक नवजात बेटी भी है। उसकी पहली पत्नी की साल 2013 में हत्या कर दी गयी थी और पुलिस ने उसकी हत्या के आरोप में मणिकांत को गिरफ्तार किया था। हालांकि उसे साल 2020 में बरी कर दिया गया और फिर उसने अर्चना से शादी कर ली।
बाद में मणिकांत और अर्चना के बीच कई मतभेद हो गये और उसने पिछले साल अगस्त में उसे कथित रूप से चाकू मार कर घायल कर दिया। हत्या के प्रयास के लिये उसे नामजद किया गया, मणिकांत को बेंगलुरु केंद्रीय कारागार में कैद किया गया था, जहाँ उसकी दोस्ती आदर्श और शिव कुमार से हो गयी। मणिकांत हाल ही में जमानत पर बाहर आया था और अर्चना अलग रहने लगी थी।
इस बीच नारायण स्वामी ने अर्चना के नाम पर अपने अपार्टमेंट में एक फ्लैट रजिस्टर्ड करने का फैसला किया ताकि वो आसानी से गुजर बसर कर सके। नारायण स्वामी का मानना था कि मणिकांत अर्चना की माली तौर पर कोई मदद नहीं करेगा। इसी के चलते उन्होनें मणिकांत को पैसे देना भी बंद कर दिया। इस बात से परेशान होकर मणिकांत ने अपने पिता के साथ-साथ अपनी मां को भी ठिकाने लगाने का फैसला किया ताकि उसके पिता की सारी संपत्ति उसके नाम हो सके।
मामले पर डीसीपी (व्हाइटफील्ड) एस गिरीश ने कहा कि मणिकांत की चार बड़ी बहनें हैं।मणिकांत ने आदर्श के साथ हत्या की साजिश रची, इस साज़िश में शिव कुमार को भी शामिल किया गया। गिरीश ने आगे कहा कि, “मणिकांत ने काम पूरा करने के बाद शिव कुमार को एक करोड़ रुपये नकद देने का वादा किया था। उन्होंने आदर्श और शिव कुमार को एक-एक फ्लैट और एक कार देने का भी वादा किया था। इसी क्रम में शिव कुमार को 1 लाख रुपये की एड़वांस पेमेंट भी दी गयी थी।”