न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): राजस्थान (Rajasthan) में एक चौंकाने वाली घटना में एक शख्स को ऑप्रेशन रूम में भर्ती कराया गया, जब पता चला कि उसने 56 ब्लेड खा लिये हैं। मामले को खुलासा तब हुआ जब उसका खून निकलने लगा और उसके दोस्त उसे अस्पताल ले गये। सोनोग्राफी करने के बाद डॉक्टर उसकी गर्दन पर बड़े चीरे और ब्लेड से भरे पेट को देखकर हैरान रह गये।
7 डॉक्टरों ने मिलकर 3 घंटे सर्जरी की और पेट से सभी ब्लेड निकाल लिये। राजस्थान के जालौर जिले (Jalore District) के सांचौर में ये वारदात हुई। शख्स की पहचान 26 वर्षीय यशपाल सिंह के रूप में की गयी है, जो सांचौर (Sanchore) के पास एसएम राव डेवलपर्स में अकाउंटेंट हैं।
वे चार रूममेट्स के साथ बालाजी नगर अपार्टमेंट में रहता है। रविवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे रूममेट के काम पर जाने के बाद यशपाल ने अपने सहकर्मियों से संपर्क किया। उन्हें सांचौर के मेडिप्लस अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर नरसी राम देवासी (Dr. Narsi Ram Devasi) ने यशपाल का एक्स-रे और सोनोग्राफ (X-ray and sonography) करने के बाद उसके पेट में ब्लेड होने की पुष्टि की। ब्लेड को निकालने के लिये यशपाल को तुरंत इमरर्जेंसी सर्जरी के लिये ले जाया गया।
डॉक्टर के मुताबिक ये मुमकिन है कि आदमी ने ब्लेड के पूरे तीन पैकेट का निगल लिये हो। हो सकता है कि उसने डिप्रेशन के चलते ऐसा किया हो। उसने ब्लेड को दो टुकड़ों में तोड़ दिया था और उसे निगलने के लिये ढक्कन पर रखकर उसे एक साथ निगल लिया।
डॉक्टर ने बताया कि पेट में ब्लेड लगने से ब्लीडिंग होने लगी, जिसके बाद वो एकाएक खून की उल्टियां करने लगा। इमर्जेंसी इंटरवेंशनल सर्जरी (Emergency Interventional Surgery) में डॉ. नरसी राम देवासी का साथ डॉ. पुष्पेंद्र, डॉ. धवल शाह, डॉ. शीला बिश्नोई, डॉ. नरेश देवासी रामसीन और डॉ. अशोक वैष्णव ने दिया।
यशपाल के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिलने पर उसके परिवार वाले भी अस्पताल पहुंच गये। परिवार वालों ने बताया कि जब यशपाल से उनकी आखिरी बार बात हुई थी तो वो पूरी तरह नॉर्मल था। माना जा रहा है कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी होने के चलते परेशान होकर उसने ये कदम उठाया।
डॉक्टर नरसी राम देवासी के मुताबिक जब यशपाल का ऑक्सीजन लेवल 80 से नीचे चला गया तो उसे अस्पताल लाया गया, जिसके बाद शुरूआती जांच में पाया गया कि उसके शरीर के अंदर कई जगहों पर कट थे। सर्जरी के बाद 56 ब्लेड निकाले गये और यशपाल की हालत स्थिर हो गयी।