एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): Toshakhana Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के लिये बड़े झटके के तौर पर लाहौर (Lahore) में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिये उनके घर को घेर लिया। पूरे पाकिस्तान में इस मामले को लेकर हिंसक प्रतिक्रिया देखने को मिली इस दौरान देशभर में जमकर पथराव के साथ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ।
इमरान खान (Former Prime Minister of Pakistan Imran Khan) ने एक बार फिर ये दावा करते हुए गिरफ्तारी का विरोध किया कि हिरासत में लिये जाने के बाद मौजूदा शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की अगुवाई वाली सरकार उन्हें जान से मार सकती है। खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद मंगलवार तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
बता दे कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI- Pakistan Tehreek-e-Insaf) के नेता इमरान खान पर कुल 37 मामले दर्ज हैं, जिनमें तोशखाना उपहार मामले के साथ-साथ आतंकवाद और देश-विरोधी को आरोपों में भी वो नामजद हैं।
आखिर क्या है तोशखाना मामला?
इमरान खान मौजूदा दौर में तोशखाना मामले में गिरफ्तारी का सामना कर रहे हैं, जिसमें आधिकारिक राज्य भंडार से महंगे उपहार बेचना शामिल है। खान पर तोशखाना से उपहारों को लेने का आरोप लगाया गया है, जो कि खजाना है जहां विदेशी अधिकारियों की ओर से सरकारी अधिकारियों को दिये गये गिफ्ट रखे जाते हैं।
तोशखाना मामले के विवरण के अनुसार इमरान खान पर 36 मिलियन अमरीकी डालर के गिफ्ट बेचने का आरोप लगाया गया है, जिसमें उन्हें उपहार में दी गयी तीन महंगी घड़ियाँ शामिल हैं। उन्होंने कथित तौर पर तोशखाना को ये गिफ्ट कभी नहीं दिये, उन्होनें पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के तौर पर नियमों का उल्लंघन किया।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तोशखाना से इमरान खान के पास रखे गये कुछ उपहारों में तीन महंगी घड़ियाँ थीं, जिनमें एक ग्रेफ और दूसरी रोलेक्स के साथ ही हीरे की अंगूठी और सोने की एक जोड़ी झुमके जैसे गहने थे।
इमरान खान आतंकवाद के आरोपों और हिंसा भड़काने वाले भाषणों से लेकर कई अन्य मामलों में भी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। पुलिस द्वारा उनके घर को घेरने जाने के बाद इमरान खान ने अपने समर्थकों के लिये एक वीडियो संदेश भी जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वो मारे जा सकते हैं।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम बीते बुधवार (15 मार्च 2023) इस्लामाबाद, कराची (Karachi) और लाहौर जैसे देश के कई हिस्सों में फैली हिंसा के बीच दूसरी बार गिरफ्तारी से बच गये, इससे पाकिस्तान में काफी अशांति फैल गयी।