न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज (18 मार्च 2023) कहा कि लद्दाख के पश्चिमी हिमालय इलाके में भारत और चीन (India and China) के बीच हालात नाजुक और खतरनाक बने हुए है, इलाके के कुछ हिस्सों में सैन्य बल एक-दूसरे के बहुत करीब तैनात हैं। साल 2020 के मध्य में इस इलाके में दोनों पक्षों के बीच छिड़े संघर्ष में कम से कम 24 सैनिक मारे गये थे, लेकिन कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के दौर के बाद हालातों को शांत कर दिया गया।
बीते दिसंबर में परमाणु सशस्त्र एशियाई दिग्गज दोनों मुल्कों के बीच अचिह्नित सीमा के पूर्वी इलाके में फिर से हिंसा भड़क उठी, लेकिन इस दौरान किसी की मौत नहीं हुई।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि, “मेरे हिसाब में स्थिति अभी भी बेहद नाजुक बनी हुई है क्योंकि ऐसी जगहें हैं जहां हमारी सैन्य तैनाती चीनी पक्ष के काफी करीब है और सैन्य आकलन दिखाते है कि ये बेहद खतरनाक है। भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि सितंबर के अनुरूप सीमा विवाद का समाधान नहीं हो जाता।”
बता दे कि साल 2020 में विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने चीनी समकक्ष के साथ सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गये। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि “चीनियों से जो सहमति हुई थी उसे उन्होनें पूरा नहीं किया। वो अभी भी इससे पीछे हटते दिख रहे है। हालांकि दोनों पक्षों की सेनाएं कई इलाके से हट गयी हैं, लेकिन अभी भी अनसुलझे बिंदुओं पर चर्चा जारी है। हमने चीनियों को साफ कर दिया है कि हम अपनी शांति से कोई समझौता नहीं कर सकते है। अगर आप हमसे बेहतर और टिकाऊ रिश्ते चाहते है तो आपको पहल करते हुए द्विपक्षीय समझौते को मानना होगा।”
जयशंकर ने आगे कहा कि उन्होंने इस महीने भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीन के नये विदेश मंत्री किन गैंग के साथ हालातों पर चर्चा की। इस साल भारत के G20 की अध्यक्षता के बारे में जयशंकर ने उम्मीद ज़ाहिर की कि नई दिल्ली (New Delhi) इस मंच को वैश्विक जनादेश के लिए और ज्यादा वास्ताविक बना सकती है। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- “G20 सिर्फ वैश्विक ज़वाब या बहस मंच मात्र नहीं होना चाहिए। वैश्विक चिंताओं की संपूर्णता पर कब्जा करने की जरूरत है। हम पहले ही इस बात को बहुत मजबूती से रख चुके हैं।”
बता दे कि पिछले तीन हफ्तों में भारत में दो G20 मंत्रिस्तरीय बैठकें रूस के यूक्रेन पर 13 महीने से चल रहे हमले से प्रभावित हुई हैं।