न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) इस महीने की शुरुआत में सुर्खियों में तब आया जब उसके समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला में एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। पुलिस ने कहा था कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पालकी साहिब की आड़ में उन पर कायराना तरीके से हमला किया गया। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब (Sri Guru Granth Sahib) की पवित्रता बनाये रखने के लिये ज़वाब में गोलियां नहीं चलाईं। ये हमला अपहरण के आरोपी उसके सहयोगी तूफान सिंह की रिहाई के लिये किया गया था।
पिछले हफ्ते पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने उनके काफिले को रोका और उनके कई समर्थकों को गिरफ्तार किया। हालांकि वो अपने कुछ साथियों के साथ फरार हो गया। अमृतपाल सिंह कई महीनों से सुरक्षा बलों के रडार पर था।
उसने कथित तौर पर अनुच्छेद 370 को रद्द करने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की ओर से जम्मू-कश्मीर के लोगों पर थोपा गया था। उसने सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के विरोध के दौरान भी सरकार के खिलाफ बोला था। उसने इसे अल्पसंख्यकों पर बहुमत का फरमान बताया था।
एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें उसने कहा कि सिख धर्म (Sikhism) के लोगों को तिरंगा अपने हाथों में नहीं उठाना चाहिये क्योंकि इससे वो कमजोर होते हैं। उसने जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) को अपना आदर्श बताया। अमृतपाल सिंह ने ये भी दावा किया था कि ध्रुवीकरण और धर्म की वज़ह से नरेंद्र मोदी सत्ता में आये।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था। पाकिस्तान की आईएसआई (Pakistan’s ISI) ने भारत में खालिस्तान समर्थक भावनाओं के लिये उसे पोस्टर बॉय बनाया था। जालंधर की डीआईजी स्वप्ना शर्मा (Jalandhar’s DIG Swapna Sharma) ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अमृतपाल को कथित नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिये विदेशी फंडिंग मिली थी।
कई अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों ने खुफिया सूत्रों की बुनियाद पर खुलासा किया कि, पाकिस्तानी एजेंटों ने दुबई में अमृतपाल से संपर्क किया था। उसने कथित तौर पर अपनी मां का इलाज कराने की आड़ में ट्रेनिंग लेने के लिये जॉर्जिया भेजा गया था।
वो कथित तौर पर किसानों आंदोलन के दौरान दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू (late actor deep sidhu) के संपर्क में आया और उसका फॉलोवर बन गया। जब सिद्धू ने वारिस पंजाब दे का गठन किया, अमृतपाल इस जमात में शामिल होने वाले पहले लोगों में से एक था।
दीप सिद्धू की फरवरी 2022 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी, जिसके बाद अमृतपाल सिंह ने वारिस पंजाब दे की कमान अपने हाथों में ले ली। दुबई में वो वेस्टर्न कपड़े पहनता था। हालाँकि पंजाब में लौटने के बाद उसने पारंपरिक सिख पोशाक पहनना शुरू कर दिया।
अमृतपाल सिंह का जन्म साल 1993 में हुआ था। उसने अपनी स्कूली शिक्षा होली हार्ट स्कूल से की। जिसके बाद कपूरथला (Kapurthala) के लार्ड कृष्णा पॉलिटेक्निक से उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। बाद में वे अपने परिवार के कार्गो कारोबार को चलाने के लिये दुबई (Dubai) चला गया।
मिल रही खबरों के मुताबिक वारिस पंजाब दे का सदस्य दलजीत सिंह कलसी (Daljit Singh Kalsi) कथित तौर पर आईएसआई और अमृतपाल सिंह के बीच कड़ी के तौर पर काम कर रहा था। कलसी अमृतसर (Amritsar) का रहना वाला हैं। कलसी ने स्टर्लिंग इंडिया एजेंसी नाम से एक शेल कंपनी बनायी। जिसके खाते में उसे 35 करोड़ रुपये मिले। हाल ही में कलसी को पंजाब पुलिस ने गुरुग्राम (Gurugram) से गिरफ्तार किया।
कलसी कथित तौर पर सिंह और खालिस्तान के विदेशी हमदर्दों के बीच की अहम कड़ी था। कलसी ने एक पंजाबी फिल्म में भी काम किया था। उसने कथित तौर पर अमृतपाल सिंह को गुट का नेता बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।