न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): गैंगस्टर बनने के बाद सियासत में कदम रखने वाले समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और सांसद अतीक अहमद (MP Atiq Ahmed) का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था। उत्तर प्रदेश की प्रयागराज जेल (Prayagraj Jail of Uttar Pradesh) में लाये जाने के बाद से वो लगातार सुर्खियों में छाये हुए है। अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad of Gujarat) में साबरमती केंद्रीय जेल (Sabarmati Central Jail) से बाहर निकलने के तुरंत बाद अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता ज़ाहिर की थी।
अतीक अहमद और उसके गैंग को 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल (Umesh Pal) की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उमेश पाल पांच बार के सांसद थे, जिन्होंने 2004 और 2009 के बीच बीजेपी से जुड़ी पार्टी अपना दल और समाजवादी पार्टी (सपा) में रहकर काम किया था। उन पर हत्याओं और अपहरण जैसे कई अपराधों में हिस्सा लेने का भी आरोप लगाया गया था।
राजू पाल हत्याकांड (Raju Pal Murder Case) में मुख्य गवाह होने के नाते उमेश पाल को अतीक अहमद गिरोह से खतरा था। उमेश पाल का पुराना दोस्त और पड़ोसी मोहम्मद साजर (Mohd Sajar) अतीक अहमद गिरोह का मुखबिर बन गया, जिससे उमेश पाल के लिये किसी भी संभावित हमले की जद ना में रह पाना करीब करबी नामुमकिन हो गया।
हाल ही में प्रयागराज कोर्ट ने आदेश दिया कि उमेश पाल मामले के सभी अभियुक्त 28 मार्च को उसके सामने पेश हों। उस वक्त अदालत मुमकिन तौर पर साल 2007 के उमेश पाल के अपहरण मामले पर फैसला सुनायेगी। अतीक अहमद के भाइयों में से एक अशरफ उन दस लोगों में शामिल है जिन पर इस मामले में आरोप लगाये गये हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) के मुताबिक पूर्व माफिया सदस्य अतीक अहमद के परिवार के खिलाफ 160 से ज्यादा आपराधिक शिकायतें दर्ज हैं। अतीक को 100 मामलों में नामजद किया गया है, जबकि उसके भाई अशरफ के खिलाफ 52 मामले, उसकी पत्नी शाइस्ता प्रवीन (Shaista Praveen) के खिलाफ तीन मामले और उसके बच्चों अली और उमर अहमद के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं।
अतीक और उसके परिवार की 11,684 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गयी है और उनके 54 मामलों की सुनवाई मौजूदा वक्त में कई अदालतों में चल रही है। माफिया पर शिकंजा कसने की राज्य सरकार की कोशिशों के चलते अतीक और उनके सहयोगियों को सालाना 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।