एजेंसियां/न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): चीन की ओर तीन दिन की सैन्य शुरुआत के ऐलान के कुछ घंटे बाद ताइवान (Taiwan) के रक्षा मंत्री ने कहा कि आज (8 अप्रैल 2023) आठ चीनी युद्धपोत और 42 लड़ाकू विमान ताइवानी रक्षा क्षेत्र के आसपास देखे गये। ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने चीन की इस हरकत को बेतुका करार दिया। बता दे कि बीजिंग (Beijing) की ओर से ताइवान की मध्य रेखा को पार करने वाले 29 जेट इस उकसावे भरी कार्रवाई में शामिल थे, स्थानीय समयानुसार सुबह 6 से 11 बजे के बीच इन्हें ताइवानी रडार पर ट्रैक किया गया।
चीन ने हाल ही में ऐलान किया था कि वो ताइवान जलडमरूमध्य में तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू कर रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA- People’s Liberation Army) के ईस्टर्न थिएटर कमांड के मुताबिक, युद्ध की तैयारी के लिए यूनाइटेड शार्प सोर्ड (United Sharp Sword) 8 से 10 अप्रैल तक चलेगा। ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शि यी ने कहा कि ड्रिल में ताइवान स्ट्रेट में ताइवान के उत्तर और दक्षिण में और ताइवान के पूर्व में समुद्र और हवाई इलाके में गश्ती अभ्यास खासतौर से शामिल होगा।”।
चीन की ओर से इस युद्धाभ्यास के सही वक्त और सही जगह की जानकारी का खुलासा नहीं किया गया। चीन स्व-शासित ताइवान का अपना इलाका मानता रहा है, गाहे बगाहे बीजिंग के हुक्मरान ये कहते आये है कि सैन्य अभियानों के दम पर कभी भी ताइवान पर चीन कब़्जा कर सकता है।
सैन्य अभ्यास का ऐलान ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इन-वेन (President Tsai In-wen) के बुधवार को कैलिफोर्निया में अमेरिकी सदन के अध्यक्ष केविन मैकार्थी (Kevin McCarthy) से मुलाकात के बाद सामने आया है। बैठक से कुछ घंटे पहले बीजिंग ने पश्चिमी प्रशांत के रास्ते ताइवान के दक्षिण-पूर्वी जलीय इलाके से अपने शेडोंग विमानवाहक पोत को भेजा।
आज (8 अप्रैल 2023) को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने राष्ट्रपति त्साई की अमेरिका से वापसी के बाद द्वीप के चारों ओर तीन युद्धपोतों और 13 चीनी विमानों की तैनाती का पता लगाया।
ताइवानी मंत्रालय ने कहा कि तीन जहाजों और 13 विमानों को आज स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे (2200 GMT) ताइवान के आसपास देखा गया और पता लगाये गये फाइटर्स जेट्स में से 4 ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया था और ताइवान के दक्षिण-पूर्व ADIZ (Air Defence Identification Zone) में घुसपैठ की”।
गुरुवार को चीन ने ताइवान के चारों ओर युद्धपोतों को तैनात किया था क्योंकि बीजिंग ने त्साई-मैककार्थी बैठक के खिलाफ दृढ़ और सशक्त प्रतिक्रिया ज़ाहिर करने की कसम खाई थी।