गुजरात (जिला संवाददाता): नर्मदा जिले के केवड़िया थाने में हैरतअंगेज मामला दर्ज किया गया। दर्ज एफ.आई.आर. (FIR) के मुताबिक किसी अज्ञात शख्स ने सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) को OLX पर बेचने की कोशिश की है। बेचने की कोशिश करने वाले शख्स ने प्रतिमा की ऑनलाइन कीमत 30,000 करोड़ रुपए लगाई।
जिस वेबसाइट पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बेचने का विज्ञापन दिया गया था, वहां पर बेचने वाले शख्स ने दावा किया था कि, मूर्ति को बेचकर वो कोरोना संकट से उबरने में सरकार की मदद करेगा। जैसे ही ये विज्ञापन जिला प्रशासन के सामने आया, अधिकारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में जांच के आदेश जारी कर दिए गए। जिला पुलिस ने आईटी एक्ट, महामारी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया है। केवड़िया थानाध्यक्ष के मुताबिक ऑनलाइन विज्ञापन पोस्ट करने के कुछ ही देर बाद इसे वेबसाइट से हटा लिया गया।
विज्ञापन में लिखा गया था कि, देशभर में फैले मेडिकल आपातकाल के मद्देनज़र स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बेचा जा रहा है। इसे बेचकर मिलने वाले पैसों से कोरोनावायरस के बढ़ते इन्फेक्शन पर काबू पाने के लिए मेडिकल उपकरण खरीदारी करने के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। मामले की गंभीरता को भागते हुए प्रशासन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसके मुताबिक किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सरकार को बदनाम करने के इरादे से ये विज्ञापन दिया गया था। किसी भी व्यक्ति को ऐसा करने का वैधानिक अधिकार नहीं है। इस मामले से साफ होता है कि ऑनलाइन विज्ञापन कंपनी अपनी वेबसाइट पर पब्लिश होने वाले विज्ञापनों की मॉनिटरिंग नहीं करती है। फिलहाल गुजरात पुलिस उस आरोपी को पकड़ने के लिए मोबिलाइजेशन कर रही है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने साल 2018 के दौरान स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया था। 182 मीटर ऊंची ये दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। टूरिस्ट स्पॉट होने की वजह से यहां पर अक्सर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। फिलहाल लॉक डाउन की वजह से इसे गुजरात सरकार ने 17 मार्च को ही बंद कर दिया था।