न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके सहयोगियों के खिलाफ नये सिरे से छापेमारी शुरू की, इस दौरान बड़ी संख्या में बैंक खातों, संपत्ति के कागजात और 2.5 करोड़ रुपये के सोने के जेवर बरामद किये गये। बता दे कि ईडी ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उनके सहयोगियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच (Money Laundering Investigation) के तहत बुधवार (12 अप्रैल 2023) को उत्तर प्रदेश में तलाशी शुरू की थी।
इस बीच अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम की लाश को आज झांसी (Jhansi) से प्रयागराज (Prayagraj) लाया जायेगा। असद की लाश को दफनाने के लिये प्रयागराज के कसारी मसारी में बने कब्रिस्तान में ले जाया जायेगा। असद और गुलाम उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में वांछित थे और गुरुवार (13 अप्रैल 2023) को झांसी में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दोनों को एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
दोनों पर ही पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने कहा कि असद के पास विदेशी असलहा बरामद किया गया है। इस बीच झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल अस्पताल (Maharani Laxmibai Medical Hospital) के बाहर पुलिस की भारी तैनाती देखी गयी, जहां असद और गुलाम की लाशों को पोस्टमार्टम के लिये रखा गया है।
ऐसी संभावना है कि अतीक के वकील के प्रयागराज में अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये पैरोल की मांग करते हुए आज अदालत में आवेदन दे सकते है। गौरतलब है कि गुरुवार तक मजिस्ट्रेट के सामने कोई आवेदन नहीं लगाया गया था।
प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट की ओर से चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजे जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) गुरुवार को माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को प्रयागराज के धूमनगंज थाने (Dhoomanganj Police Station) ले आयी। दोनों की पुलिस हिरासत 13 अप्रैल की शाम 5 बजे से शुरू होकर 17 अप्रैल की शाम 5 बजे तक चलेगी। इससे पहले अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ को गुरुवार सुबह प्रयागराज स्थित सीजेएम कोर्ट लाया गया था।
अदालत के सामने दायर उत्तर प्रदेश पुलिस की चार्जशीट में अतीक अहमद के रिकॉर्ड किये गये कई बयानों का जिक्र किया गया है। जिसमें अतीक ने कहा है कि “…मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है क्योंकि मेरे पाकिस्तान के आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (ISI and Lashkar-e-Taiba) से सीधे रिश्ते हैं। पाकिस्तान से हथियार ड्रोन की मदद से पंजाब सीमा पर गिराये जाते हैं और लोकर कनेक्शन की मदद से मैं उन्हें इकट्ठा करता रहा। जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों को इसी तरह हथियारों की खेप मिलती है। अगर आप मुझे अपने साथ ले जाते हैं तो मैं उस पैसे और घटना में इस्तेमाल किये गये हथियार और गोला-बारूद को बरामद करने में आपकी (यूपी पुलिस) मदद कर सकता हूं।”
असद के नाना और गुलाम की पत्नी झांसी पहुंच गये हैं। गुलाम की मां और भाई पहले ही कह चुके हैं कि गुलाम की वो लाश नहीं लेंगे। अंतिम संस्कार के दौरान कानून व्यवस्था बनी रहे इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को असद और गुलाम के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद ‘कानून व्यवस्था’ पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और शूटआउट में शामिल 12 सदस्यीय एसटीएफ टीम की भी तारीफ की।
बता दे कि 28 मार्च को अतीक अहमद को एक एमपी-एमएलए अदालत ने दोषी ठहराया और अब मृतक उमेश पाल के अपहरण मामले में उसे कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका परिवार सवालों के घेरे में आ गया था। बता दे कि अतीक अहमद के खिलाफ पिछले 43 सालों में 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, को इसी मामले में दोषी ठहराया गया है।
बहुजन समाज पार्टी के नेता राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो हथियारंबद सुरक्षा एस्कॉर्ट्स में से एक की 24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। यूपी पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उमेश और उसके बंदूकधारियों पर कई राउंड फायरिंग की गयी और बम फेंके गये।