न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) ने आज (22 अप्रैल 2023) दावा किया कि कुछ लोग नफरत की राजनीति कर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि वो अपनी जान देने को तैयार हैं लेकिन देश का बंटवारा नहीं होने देंगी। ममता बनर्जी ने शहर के रेड रोड पर ईद (Eid) की नमाज के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए लोगों से एकजुट होने और ये सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दक्षिणपंथी भाजपा की हार हो।
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि, “कुछ लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और नफरत की राजनीति कर रहे हैं.. मैं अपनी जान देने को तैयार हूं, लेकिन देश का बंटवारा नहीं होने दूंगी।” भगवा खेमे पर देश के संविधान को बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि वो पश्चिम बंगाल (West Bengal) में नागरिकों पर राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) को लागू नहीं होने देगी।
बता दे कि ये टीएमसी (TMC) का हमेशा से ही स्टैंड रहा है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जो पड़ोसी मुल्कों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता के अधिकार प्रदान करता है, की आवश्यकता नहीं थी और मौजूदा अधिनियम इसके लिये काफी हैं। बनर्जी ने आगे कहा कि, “मैं धन बल (उनके राजनीतिक विरोधियों की) और एजेंसियों से लड़ने के लिये तैयार हूं, लेकिन मैं अपना सिर नहीं झुकाऊंगी।”
कार्यक्रम में उनके साथ उनके भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) भी मौजूद थे। टीएमसी सुप्रीमो ने आगे कहा कि- “एक साल में लोकसभा चुनाव ये तय करने के लिए होंगे कि हमारे देश में कौन सत्ता में आयेगा। आइये हम वादा करें कि हम विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होंगे और लड़ेंगे। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी मिलकर अगले चुनाव में उन्हें वोट ना दें। अगर हम लोकतंत्र की रक्षा करने में नाकाम रहे तो सब कुछ खत्म हो जायेगा।”
पश्चिम बंगाल में रामनवमी (Ram Navami) समारोह के दौरान सांप्रदायिक तनाव के बारे में बात करते हुए उन्होनें दावा किया कि वो सिर्फ शांति चाहती हैं और राज्य में दंगे नहीं चाहती। इसी वज़ह से पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा (Hooghly and Howrah) जिलों में निषेधाज्ञा लागू की गई, जहां रामनवमी के जुलूस निकाले जाने के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हो गई।
विपक्षी सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, उनका नाम लिए बिना बनर्जी ने दावा किया कि कुछ लोग अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, “कुछ लोग भाजपा से पैसा ले रहे हैं और कह रहे हैं कि वो अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित कर देंगे। मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि वो भाजपा के लिए मुस्लिम वोटों को विभाजित नहीं कर सकते। हम सभी उन्हें हराने के लिए एकजुट होंगे।”
उनका ये बयान पिछले महीने सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव (Sagardighi Assembly by-election) में टीएमसी की हार की पृष्ठभूमि में सामने आया है, जहां कांग्रेस-वाम गठबंधन ने उनकी पार्टी से अल्पसंख्यक बहुल सीट छीन ली थी। बनर्जी ने सूबे में कांग्रेस-सीपीआई (एम)-बीजेपी के नापाक गठजोड़ पर हार का आरोप लगाया।
बिलकिस बानो (Bilkis Bano) मामले में हालिया घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि मामले में सभी को रिहा कर दिया गया है, लेकिन हम मिलकर इसका मुकाबला करेंगे। बता दे कि केंद्र और गुजरात सरकार (Government of Gujarat) ने बीते मंगलवार (18 अप्रैल 2023) को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो समीक्षा के लिए याचिका दायर कर सकते हैं, अपने 27 मार्च के आदेश में बिलकिस बानो मामले में दोषियों को छूट देने पर मूल फाइलों के साथ तैयार रहने के लिये कहा।
सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने सज़ा में छूट दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को इन्हें रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकायें दायर की गयी। बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य (Samik Bhattacharya) ने कहा कि मुख्यमंत्री एक धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, “ये सब सोच से परे है कि एक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिये धार्मिक आयोजन के मंच का इस्तेमाल कर रही है। हम इस तरह की विभाजनकारी और संकीर्ण राजनीति की निंदा करते हैं।”