न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कि कथित तौर पर ड्रग तस्करों के ऑल इंडिया नेटवर्क का हिस्सा हैं। पकड़े गये ये लोग डार्क वेब (Darknet) के जरिये अपना नेटवर्क चलाते है। खास बात ये है कि पिछले दो दशकों में एनसीबी की ये अब तक की सबसे बड़ी धरपकड़ और जब्ती में से एक है। इस दौरान 15,000 LSD ड्रग ब्लॉट्स जब्त किये गये हैं।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने आज (6 जून 2023) की जब्ती को पिछले दो दशकों में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती करार देते हुए कहा कि- “एजेंसी ने संदिग्धों की निशानदेही पर 2.5 किलोग्राम इम्पोर्टिड मारिजुआना और 4.65 लाख रुपये नकद भी जब्त किये हैं।
एलएसडी या लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड (LSD- Lysergic Acid Diethylamide) एक तरह की सिंथेटिक कैमिकल ड्रग है, इसके इस्तेमाल मतिभ्रम होता है। NCB के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह (NCB Deputy Director General Gyaneshwar Singh) के मुताबिक गिरोह ड्रग बेचने के लिये क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और डार्कनेट का इस्तेमाल करता था। पेमेंट हासिल होने पर ये लोग प्राइवेट कोरियर सर्विस का इस्तेमाल करके ड्रग सप्लाई करते थे। सभी लेनदेन वर्चुअल होते थे। संदिग्धों ने बातचीत करने के लिये निजी मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल किया करते थे।
बता दे कि डार्कनेट इंटरनेट का एन्क्रिप्टेड हिस्सा है, जिसकी सर्च इंजन की ओर से इंडेक्सिंग नहीं की जाती। ये निगरानी से बचने के लिये राउटर टीओआर (Router TOR) का इस्तेमाल करता है। अपराधी आमतौर पर डार्कनेट का अवैध कारोबार करने के लिये करते हैं, जिसमें गुमनामी की आड़ में मालवेयर, ड्रग्स, हथियारों, देह व्यापार और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाना शामिल है।
इसी मुद्दे एनसीबी के उप महानिदेशक ने मीडिया से कहा कि- “हमने दो मामलों में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और एलएसडी ड्रग के 15,000 ब्लॉट्स जब्त किये हैं… इस दवा की व्यावसायिक मात्रा 0.1 ग्राम है। ये सिंथेटिक ड्रग (Synthetic Drug) है। धरपरकड़ अभियान के तहत ये काफी ज्यादा खतरनाक तादाद में बरामद की गयी है। पिछले दो दशकों में ये सबसे बड़ी बरामदगी है।”
एनसीबी अधिकारी ने कहा कि 15,000 एलएसडी ब्लाट की जब्ती व्यावसायिक मात्रा से 2,500 गुना ज्यादा है। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने 2.5 किलोग्राम इम्पोर्टिड मारिजुआना और 4.65 लाख रुपये नकद भी जब्त किये हैं, अधिकारी ने कहा कि बैंक खातों में जमा 20 लाख रुपये भी जब्त किये गये हैं।
एनसीबी के डिप्टी डीजी ने आगे कहा कि एलएसडी युवाओं में काफी मशहूर है और इस नेटवर्क में शामिल ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे और युवा हैं। एलएसडी की तस्करी करना बहुत आसान है और इसका पता लगाना लगभग मुश्किल है। इसकी व्यावसायिक मात्रा 5 या 6 ब्लॉट्स से बनी होती है। एनसीबी ने 15,000 ब्लॉट्स बरामद किये हैं और छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले दशकों में इतनी बड़ी बरामदगी नहीं हुई थी।”
एनसीबी के डिप्टी डीजी ने कहा कि साल 2021 में कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री ने पूरे साल के दौरान 5000 ब्लाकों को जब्त करने के लिये पुलिस को बधाई दी थी।
सिंह ने कहा कि गैंग का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ था और पोलैंड, नीदरलैंड और अमेरिका जैसे देशों तक भी पहुँच है। दिल्ली जोनल टीम ने कई इकाइयों की मदद से इस गिरोह का भंडाफोड़ किया। इसी मसले पर NCB के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि- “भारत धीरे-धीरे एलएसडी का बड़ा उपभोक्ता बन रहा है, जो कि काफी खतरनाक है। इस गैंग का नेटवर्क पोलैंड, नीदरलैंड, यूएसए, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश (Tamil Nadu and Uttar Pradesh) में फैला हुआ है। 15,000 एलएसडी दाग के अलावा ढाई किलो विदेशी गांजा और 20 लाख रुपये भी जब्त किये गये हैं। इससे पहले 2021 में हमने 40 आरोपियों को गिरफ्तार कर 3 डार्क नेट साइट्स का भी भंडाफोड़ किया था।”