नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): Manipur Crisis: गृह मंत्रालय ने आज (10 जून 2023) जारी अपने हालिया बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने मणिपुर में जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाने के मकसद से राज्य के राज्यपाल की अगुवाई में शांति समिति का गठन किया है। इस समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, मणिपुर सरकार के कुछ मंत्री, संसद सदस्य, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।
इस कमेटी में पूर्व नौकरशाह, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। गृहमंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के बयान में कहा गया है कि कमेटी का मकसद सूबे के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत, परस्पर विरोधी दलों और समूहों के बीच बातचीत समेत शांति प्रक्रिया की बहाली सुविधाजनक बनाना होगा।
मामले पर समिति ने कहा कि, “समिति को सामाजिक एकजुटता, आपसी समझ को मजबूत करना चाहिये और विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संचार की सुविधा देनी चाहिए।”
बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के 29 मई से 1 जून के बीच चार दिवसीय यात्रा के दौरान मणिपुर की हालातों का जायजा लेने के बाद इस कमेटी का गठन किया गया था।
मणिपुर में हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU- All Tribal Students Union) की ओर से आयोजित रैली के दौरान हुई थी, जिसमें मेइतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध किया गया था।
19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय (Manipur High Court) के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में इस मार्च का आयोजन किया गया था।
गौरतलब है कि पिछले एक महीने से पूरे राज्य में हिंसा के हालात पसरे हुए है और केंद्र सरकार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा है।