नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): Manipur Ethnic Clashes: कांग्रेस पार्टी के एक सूत्र ने दिल्ली में बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) आज (29 जून 2023) मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राहत शिविरों में जातीय संघर्ष से विस्थापित लोगों से मिलेंगे और नागरिक समाज संगठनों के साथ बातचीत करेंगे। तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर राज्य का ये पहला दौरा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार (28 जून 2023) को कहा कि, “इम्फाल पहुंचने के बाद गांधी का चुराचांदपुर जिले (Churachandpur District) में जाने का कार्यक्रम है, जहां वो राहत शिविरों का दौरा करेंगे। इसके बाद वो बिष्णुपुर जिले के मोइरांग जायेगें और विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे।”
उन्होंने कहा कि, ”शुक्रवार को गांधी इंफाल (Imphal) में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और बाद में कुछ नागरिक समाज संगठनों के साथ बातचीत करेंगे।” बता दे कि इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से राज्य भर में 300 से ज्यादा राहत शिविरों में लगभग 50,000 लोग रह रहे हैं।
इसी क्रम मणिपुर के बिगड़ते हालातों पर नागालैंड (Nagaland) के AICC प्रभारी अजय कुमार ने मोदी सरकार पर तल्ख बयान देते हुए कहा कि- “केंद्र सरकार मणिपुर को खबरों से गायब कराने की कोशिश रही है। राहुल गांधी और कांग्रेस देश का ध्यान मणिपुर पर केंद्रित कराने की कोशिश कर रही है। मणिपुर में 200 से अधिक लोगों की हत्या हुईं, 1000 से ऊपर घर जले, 700 से अधिक पूजा घर, गिरजाघर तोड़े गये। राज्य में क़ानून-व्यवस्था धवस्त हो चुकी है। ये डबल इंजन की सरकार ट्रिपल समस्या वाली सरकार बन चुकी है। राहुल गांधी पीड़ित लोगों से मिलेंगे। राहुल गांधी के दौरे से प्रधानमंत्री को सीख लेनी चाहिए, उनको कोई चिंता नहीं है।”
वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray Faction) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि- “राहुल गांधी से हम अपील करेंगे कि आने वाले दिनों में आप सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर ले जाने की कोशिश करे और अगर बीजेपी (BJP) उसमें नहीं आना चाहती है तो वो उनकी बात है लेकिन और भी पार्टी है, जो आपके साथ आयेगी। मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री हवा में बातें कर रहे हैं। हमें लगा था कि PM अमेरिका जाने से पहले मणिपुर जायेगें और वहां की जनता से बातचीत करेंगे। गृह मंत्री ने भी बैठक बुलाई थी लेकिन कोई हल नहीं निकला। हमारी मांग थी कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आप मणिपुर ले जाये और जनता के साथ हम संवाद प्रस्ताव करें। प्रधानमंत्री समेत सभी सत्ता पक्ष के लोगों ने इस पर चुप्पी साधी हुई है। मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) में चीन (China) का हाथ है लेकिन सरकार चीन का नाम लेने को तैयार नहीं है, अगर इस स्थिति में राहुल गांधी मणिपुर जाते हैं और वहां के लोगों से बातचीत करने के साथ शांति प्रस्तावित होती है तो हम उनके दौरे का स्वागत करते हैं”
बता दे कि पूर्वोत्तर राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किये जाने के बाद 3 मई को पहली बार झड़पें हुईं। मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की तादाद लगभग 53 प्रतिशत है और ये लोग ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी नागा और कुकी मणिपुर की आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और ये लोग पहाड़ी जिलों में रहते हैं।