एजेंसियां/न्यूज डेस्क (देवागंना प्रजापति): Quran Burnt: स्वीडन में कुरान जलाये जाने के विरोध में बीते गुरुवार (29 जून 2023) को इराकी शिया मौलवी और राजनीतिक नेता मुक्तदा सद्र (Iraqi Shia cleric and political leader Muqtada Sadr) के सैकड़ों मानने वालों ने बगदाद (Baghdad) में स्वीडिश दूतावास पर धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास की इमारत में सेंध लगा दी, जिससे सुरक्षा बलों को वहां से हटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सद्र की तस्वीरें और उनकी मिलिशिया महदी सेना के झंडे लहराये, जबकि कुछ ने एलजीबीटीक्यू+ गौरव के प्रतीक इंद्रधनुषी झंडे भी जलाये। इराक ने दूतावास पर हमले के बारे में अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
इस मामले की जड़ में बीते बुधवार (28 जून 2023) को हुआ प्रकरण है, जहां स्वीडन में एक शख़्स जिसने खुद को इराकी शरणार्थी बताया, ने स्टॉकहोम (Stockholm) में एक मस्जिद के बाहर पवित्र कुरान जला दी। सामने आ रहा है कि वो शख़्स इराकी ईसाई था और पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (Popular Mobilization Forces) के भीतर ईसाई इकाई का पूर्व सदस्य था, जो कि साल 2016 में इराक के सशस्त्र बलों में शामिल मुख्य रूप से शिया मिलिशिया (Shia Militia) का हिस्सा था।
ईद-उल-अधा (Eid-ul-Adha) की छुट्टियों के दौरान कुरान जलाने की घटना की मुस्लिम जगत ने जमकर निंदा की। गुरुवार को तुर्की (Türkiye) के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (President Recep Tayyip Erdogan) ने कहा कि ये प्रकरण स्वीडन की नाटो सदस्यता (NATO Membership) के लिये बड़ी रूकावट बन सकता है।
घटना के बाद मुक्तदा सद्र ने ट्विटर पर अपने अनुयायियों से स्वीडिश दूतावास पर विरोध प्रदर्शन करने और इराक में स्वीडन के राजदूत को निष्कासित करने की मांग करने का आह्वान किया। उन्होंने अपने मानने वालों से मुहर्रम के आठवें दिन तक एलजीबीटी झंडे को जलाते रहने के लिये कहा क्योंकि यही बात उन्हें (स्वीडन प्रशासन) सबसे ज्यादा परेशान करती है”।
बता दे कि स्वीडिश पुलिस ने अभिव्यक्ति की आज़ादी की बुनियाद पर इस विरोध को मंजूरी दी थी। इससे पहले भी इसी तरह के एक विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने प्रतिबंध लगाया था, हालाँकि इस बैन को स्वीडिश कोर्ट ने अपने फरमान से पलट दिया था।
सद्र ने कथित तौर पर कुरान जलाने वाले उस शख़्स की गैरमौजूदगी में मुकदमा चलाने और उसकी राष्ट्रीयता रद्द करने की भी बात कहीं। उन्होंने आज (30 जून 2023) स्वीडिश दूतावास के सामने बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का भी आह्वान किया।
दूसरी ओर इराकी विदेश मंत्रालय ने खुलासा किया कि उसने स्वीडिश राजदूत को तलब किया और स्वीडन की सरकार से पवित्र कुरान (The Holy Quran) के बार-बार होने वाले अपमान को रोकने के लिये जरूरी कदम उठाने को कहा। उन्होंने इराक में मुकदमें का सामना करने के लिये पवित्र कुरान को जलाने के लिये जिम्मेदार शख़्स के प्रत्यर्पण का भी अनुरोध किया। इराकी विदेश मंत्रालय (Iraqi Foreign Ministry) ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी धार्मिक पवित्रताओं को खंडित करने के लिये जुर्म को जायज़ नहीं ठहराती है। कानूनी औचित्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता धार्मिक पवित्रताओं के उल्लंघन की मंजूरी को उचित नहीं ठहराती।”