नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): सरकार ने आज (19 जुलाई 2023) से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के सुचारू संचालन के लिये दोपहर को सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलायी। विपक्षी दल (Opposition Parties) जहां सरकार को उन मुद्दों से अवगत कराएंगे जिन्हें वो सत्र के दौरान उठाना चाहते हैं, वहीं सरकार ने अपना विधायी एजेंडा भी तैयार कर लिया है।
संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi) ने सभी दलों से सत्र के दौरान विधायी कार्यों और दूसरे मुद्दों पर सार्थक चर्चा में योगदान देने की गुज़ारिश की है। मानसून सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें होंगी। मानसून सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा।
विपक्षी दलों ने बीते मंगलवार (18 जुलाई 2023) को बेंगलुरु (Bangalore) में एकता बैठक की और फैसला लिया कि उनके गुट को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) नाम से जाना जायेगा। 26 विपक्षी दलों के नेताओं ने दो दिवसीय बेंगलुरु बैठक में हिस्सा लिया, जो कि पटना में आयोजित पहली बैठक के बाद दूसरी ऐसी बैठक थी।
भाजपा का अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA- National Democratic Alliance) ने भी एक बैठक की, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने संबोधित किया। दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक मानसून सत्र के दौरान आने की उम्मीद है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) बिल 2023, जिसे इस महीने की शुरुआत में ही कैबिनेट की मंजूरी मिली थी, को भी पेश किये जाने की उम्मीद है।
कांग्रेस ने सत्र के लिये अपनी रणनीति तय करने के लिये संसदीय रणनीति समूह की बैठकें की हैं। पार्टी नेता जयराम रमेश (v) ने पहले कहा था कि वो सत्र के दौरान मणिपुर के मौजूदा अस्थिर हालातों का मुद्दा उठाएंगे। इस मसले पर उन्होनें मीडिया से बात करते हुए कहा कि-“केंद्र सरकार की ओर से राज्यपालों के जरिये संघीय ढांचे पर हमलों को संसद के आगामी सत्र में जोरशोर से उठाया जायेगा। मुद्दों में मणिपुर के हालातों, बालासोर ट्रेन हादसा, माल और सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) और मंहगाई जैसे ज्वलंत विषयों को कांग्रेस संसद पटल पर रखेगी।” जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दल हिंडनबर्ग-अडानी विवाद (Hindenburg-Adani Controversy) में जेपीसी (JPC) की मांग पर पहले की तरह जोर देते रहेंगे।