नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज (4 अगस्त 2023) सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि पूर्व सांसद के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) का मूल उपनाम मोदी नहीं है और वो (पूर्णेश) मोध वणिका समाज से हैं। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने अंतरिम आदेश में ‘मोदी सरनेम’ बयान मामले पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। ये रोक उसकी अपील पर अंतिम फैसला आने तक लंबित है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम 2 साल कैद की सजा देने का कोई वज़ह नहीं बता पाया है।
तुरन्त प्रभाव से सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी, जिसके कारण उन्हें मौजूदा लोकसभा (Lok Sabha) सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था और आगामी 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी योग्यता पर सवालिया निशान लगा गया था।
बता दे कि मोदी सरनेम मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार (Justice PS Narasimha and Justice Sanjay Kumar) की अगुवाई वाली न्यायिक पीठ कर रही है। मानहानि मामले में ये बेंच कांग्रेस नेता की सजा को बरकरार रखने के गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसी क्रम में मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि की वज़ह से उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया और फैसले को चुनौती देने वाला ये फैसला आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिये उनकी पात्रता में अहम भूमिका निभायेगा।
राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी (Senior Advocate Abhishek Singhvi) ने बेंच के सामने दलील दी कि- “सबसे पहले पूर्णेश मोदी (शिकायतकर्ता) का मूल उपनाम मोदी नहीं है…उन्होंने अपना उपनाम बदल लिया…राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान जिन लोगों का नाम लिया था, उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया है। दिलचस्प बात ये है कि 13 करोड़ के इस छोटे समुदाय में जो भी लोग कथित तौर पर पीड़ित हैं वो इस मुदकमें का हिस्सा नहीं है। मुकदमा करने वाले सिर्फ और सिर्फ भाजपा पदाधिकारी हैं।”
सिंघवी ने आगे कहा कि राहुल गांधी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से दायर किसी भी मामले में उन्हें कोई सजा नहीं हुई है। वायनाड (Wayanad) के पूर्व सांसद ने 7 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
गांधी को इस मामले में सबसे पहले सूरत (Surat) की मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी ठहराया था। इस मामले की शुरूआत 23 मार्च 2019 को हुई, जहां राहुल गांधी ने कोलार (Kolar) पॉलिटिकल रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है” इसके लिये राहुल गांधी दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनायी थी।