नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC- Chief Election Commissioner) और चुनाव आयुक्तों (EC- Election Commissioners) की नियुक्ति को रेगुलेट करने वाले विधेयक को लेकर आज (10 अगस्त 2023) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा ज़ुबानी हमला किया और दावा किया कि ये कदम चुनावों की निष्पक्षता पर अपना सीधा असर डालेगा।
आज राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश हुए इस लिस्टेड विधेयक के मुताबिक भविष्य के मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयुक्तों का सिलेक्शन प्रधानमंत्री की अगुवाई वाले तीन सदस्यीय पैनल की ओर से किया जायेगा, पैनल में लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक कैबिनेट मंत्री को भी शामिल किया जायेगा।
बता दे कि ये कदम बीते मार्च के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के ठीक उलट है, जिसमें कहा गया था कि पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल होने चाहिये। इसी मुद्दे को लेकर केजरीवाल ने ट्विटर पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी, जिसमें केजरीवाल ने मोदी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया और कहा कि ये बहुत खतरनाक स्थिति है।
अपने ट्विटर पोस्ट में केजरीवाल ने लिखा कि- “मैंने पहले ही कहा था कि प्रधानमंत्री देश के सर्वोच्च न्यायालय का पालन नहीं करते हैं। उनका संदेश साफ है, सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फरमान उन्हें पसंद नहीं आयेगा, उसे पलटने के लिये वो संसद के जरिये कानून लायेगें। ये बहुत खतरनाक हालात है। प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट का पालन नहीं करते है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि ”प्रधानमंत्री एक के बाद एक फैसले लेकर भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं।” इसी क्रम में केजरीवाल ने आगे लिखा कि- सुप्रीम कोर्ट ने एक निष्पक्ष कमेटी बनायी थी जो निष्पक्ष चुनाव आयुक्तों का चयन करेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटकर मोदी जी ने ऐसी कमेटी बना दी जो उनके कंट्रोल में होगी और जिस से वो अपने मन पसंद व्यक्ति को चुनाव आयुक्त बना सकेंगे। इस से चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी एक के बाद एक निर्णयों से प्रधान मंत्री जी भारतीय जनतंत्र को कमज़ोर करते जा रहे हैं।
एक दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि चुनाव आयुक्तों के चयन के लिये प्रस्तावित समिति में दो भाजपा और एक कांग्रेस (Congress) सदस्य होंगे। आप नेता ने कहा कि, ”जाहिर तौर पर सिलेक्टिड चुनाव आयुक्त भाजपा (BJP) के प्रति वफादार होंगे।”
बता दे कि मोदी सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्तों और कार्यकाल को रेगुलेट करने के लिये विधेयक को सदन पटल में पेश करने के लिये लिस्टेड किया है।